देहरादून–धाकड़ धामी की टीम के हरफनमौला खिलाड़ी प्रेमचंद अग्रवाल सड़क पर ताबड़तोड़ लात घुसों से बैटिंग करते नजर आए। सड़क पर जो मंत्री द्वारा जो ताबड़तोड़ बैटिंग कर एक आदमी को पीटने का वीडियो वायरल हुआ । उससे धाकड़ धामी सरकार के इस काबिल मंत्री ने अपनी फजीहत के साथ सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस तरह सड़क पर ताबड़तोड़ बैटिंग की उसकी चौतरफा निंदा हो रही है। लोगों में आक्रोश है । भले ही पार्टी उनके पक्ष में खड़े दिखाई दे रही है। विपक्ष और आम जनमानस में उनके इस कृत्य को लेकर गुस्सा है। 3 दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश में एक व्यक्ति सुरिंदर सिंह नेगी और उसके साथी के साथ अपने गनर और स्टाफ के साथ लात- घुसो से पिटाई करते नजर आए । उससे देवभूमि में आक्रोश है । मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस उत्तराखंड क्रांति दल, आम आदमी पार्टी ,के अलावा उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने भी मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । हालांकि चारों तरफ से घिरे मंत्री ने अपनी सफाई दी । उनका आरोप है कि सुरेंद्र नेगी ने उन पर हमला किया, उनकी जेब से कुछ कागज और पैसे इत्यादि छीने । जबकि वीडियो में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। दोनों ओर से पुलिस ने क्रॉस एफ आई आर दर्ज की है। सभी विपक्षी पार्टियां एक सुर में उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इससे पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल विधानसभा बैक डोर भर्ती घोटाले में विपक्ष के निशाने पर रहे हैं । साथ ही उनके विवादित बयान भी चर्चा में रहे हैं। चाहे अंकिता भंडारी हत्याकांड में उनके बयानों ने आग में घी डालने का काम किया था।
इस मुद्दे को लेकर यूकेडी पीड़ित व्यक्ति के साथ खड़े दिखाई दे रही है। और 6 मई को इस मुद्दे को लेकर प्रदेश भर में अपना विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान कर चुकी है । कांग्रेस ने भी धामी सरकार के इस हरफनमौला खिलाड़ी को घेरने में चौतरफा सरकार पर दबाव बना रही है । मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है । लोगों में उबाल है । अब देखना बाकी है कि प्रेमचंद अग्रवाल को पार्टी एक बार फिर ने उन्हें अभय दान देती है या उनसे मंत्री पद वापस लेगी । सूत्रों की माने तो भाजपा हाईकमान इस समय इस पूरे प्रकरण को लेकर मंत्री से खासी नाराज नजर है । उत्तराखंड भाजपा मंत्री के बचाव में खड़ी दिखाई दे रही है। यह तस्वीर कुछ दिनों बाद सामने आएगी। कर्नाटक चुनाव के बाद उनकी इस बार मंत्रिमंडल से छुट्टी तय माना जा रहा है ऐसे सूत्र दावा कर रहे हैं। यह अब देखने वाली बात है कि भाजपा हाईकमान कब तक इस पूरे प्रकरण पर निर्णय लेती है बहरहाल विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा सरकार को घेरने के लिए मिल ही गया है।