राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता जाने-माने साहित्यकार डॉक्टर प्रभाकर उनियाल का कल बुधवार शाम को हृदय गति रुकने से निधन हो गया उनियाल 73 वर्ष के थे। आज उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान अंजलि बिहार अजबपुर कलां स्थित आवास से हरिद्वार के लिए निकलेगी।
1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नींव रखने वालों में डॉक्टर प्रभाकर उनियाल का नाम लिया जाता है । हमेशा संघ की विचारधारा को सर्वोपरि मानकर निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ाते रहें। आजाद भारत के सबसे बड़े जेपी आंदोलन में और आपातकाल में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी के पद पर कार्यरत रहने के बावजूद उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मूल रूप से टिहरी के रहने वाले डॉ उनियाल की धर्मपत्नी विनोद उनियाल 2003 में भाजपा की ओर से मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। और इस समय भाजपा की वरिष्ठ नेता के रूप में कार्य कर रही हैं। छोटे भाई जाने-माने पत्रकार राजीव उनियाल भाजपा के महानगर की मीडिया प्रभारी रह चुके हैं उन्होंने कहा कि कल शाम इस हृदय गति रुकने से उनका निधन हुआ। डॉक्टर उनियाल समाजसेवी के अलावा लेखनी के धनी थे ‘गगरी’ और ‘राष्ट्रदेव’पत्रिका के संपादन से जुड़े हुए थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक की कई पत्रिकाओं में उनके लेख देखने को मिलते थे । उनके निधन से संघ परिवार और भाजपा में शोक की लहर है।