केदारनाथ/ देहरादून: 18 जून। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि श्री केदारनाथ में श्रद्दालुओं की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है यात्रा में खलल डालने तथा सनातन धर्म की आस्था पर ठेंस पहुंचाने के लिए राजनीतिक षड्यंत्र के तरह श्री केदारनाथ के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने वाले दानीदाता की मंशा पर सवाल उठाया जा रहा है तथा गर्भगृह में लगे सोने को पीतल बताया जा रहा है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
आज जारी वीडियो संदेश में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कांग्रेस तथा अखिलेश यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि श्री केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में लगी सोने की प्लेटों को पीतल बताने वाले इन हिंदू विरोधी ताकतों ने कभी अवैध मस्जिदों, मदरसों में बरस रहे धन संपदा पर सवाल उठाए नहीं उठाये।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के एक दानीदाता जिन्होंने 2005 में श्री बदरीनाथ धाम में स्वर्ण सिंहासन चढाया था। उन्होंने इच्छा जताई थी कि बिना किसी शर्त तथा निश्चल- पावन भावना से वह श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करना चाहते थे श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव मुहर लगी थी तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की देखरेख में निर्धारित प्रक्रिया से दानीदाता के स्वर्णकारों ने गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराया। इसके एवज में दानी दाता ने न ही आयकर छूट संबंधी 80 जी सर्टिफिकेट की मांग की नही अपने नाम की कहीं उल्लेख की शर्त रखी।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि दानीदाताओं की भावनाओं का इस तरह अपमान होता रहा तो तीर्थों में दान सहयोग तथा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु कोई भी आगे नहीं आये। ने कहा कि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह मे हुए स्वर्णमंडन कार्य मे कांग्रेस और उसके समाजवादी मित्रों का खोट ढूंढना स्वाभाविक है, क्योकि वह हमेशा ही सनातनी संस्कृति और मंदिरो को निशाने पर लेते रहे है और यह उनका मिशन भी रहा है। जबकि अन्य धर्मों के मामले मे वह अपने होंठ सिल लेते है और सेकुलर बन जाते हैं ।
वहीं प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सनातन धामों को भव्यता देने के प्रयासों पर बेवजह विवाद खड़ा करना कांग्रेस और उनके सहयोगियों के रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण है । उन्होंने कहा कि आधी- अधूरी व अपुष्ट जानकारी के आधार पर कांग्रेस समेत विभिन्न राजनैतिक पार्टियों की बयानबाजी दर्शाती है कि वे सनातनी संस्कृति व सभ्यता के प्रति गैरजिम्मेदाराना नजरिया रखती है । मंदिर समिति स्पष्ट कर चुकी है कि सभी कार्य दानदाता द्वारा स्वयं उचित प्रक्रिया व सम्पूर्ण कागजातों को प्रस्तुत कर किये गए हैं । इसके बावजूद राजनैतिक दल नकारात्मक
राजनीति से प्रेरित होकर अनर्गल बयान देकर हमारे पवित्र धामों की छवि खराब करने के षड्यंत में जुटे हैं ।
श्री चौहान ने सवाल करते हुए कहा, इन्हें अवैध धार्मिक अतिक्रमणों में कुछ भी गलत नजर नही आता है और उल्टा इन पर होने वाली कार्यवाही के विरोध में खड़े हैं। मस्जिदों और मदरसों को मिलने वाले चंदे और उनके खर्चों पर कुछ कहने मे उनका साहस डोल जाता है। लेकिन सनातनी संस्कृति, सभ्यता और तीर्थस्थलों के पुनर्निर्माण, भव्यता देने या वहां की व्यवस्था सुधार को लेकर किये प्रत्येक कार्य में बाधा उत्पन्न करना उनका नैतिक धर्म बन गया है। उनकी मंशा तब भी उजागर हुई थी जब गर्भ गृह को स्वर्णमंडित करने के इस धर्मार्थ कार्य मे बाधा डालने के लिए उन्होंने धर्म एवं परंपरा के ग़लत आधार पर तर्क देने की कोशिश की। देश विदेश से आने वाले लाखों पर्यटक इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन सनातन धर्म विरोधी ऐसे राजनैतिक दलों को यह पच नही रहा है और पवित्र धामों एवं देवभूमि की छवि खराब करने के प्रयास में जुटे हुए हैं ।
उन्होंने विश्वास जताया कि विरोधी दल चाहे कितने ही प्रयास कर ले, लेकिन देवभूमि की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पहचान को संरक्षित और अधिक भव्य बनाने की कोशिश जनता के आशीर्वाद से अनवरत जारी रहेगी