राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से किया सम्मानित

विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षक वास्तव सम्मान के अधिकारी हैं। – राज्यपाल

वर्तमान समय में गुणवत्तापरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ ही नवीन टेक्नोलॉजी को अपनाना जरूरी है। – राज्यपाल

मुख्यमंत्री ने शैलेश मटियानी पुरस्कार के तहत मिलने वाली धनराशि को दस हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किए जाने की घोषणा की।

शिक्षकों ने समाज में ज्ञान का संचार एवं अपने अनुभव और मार्गदर्शन से विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने का कार्य किया है – मुख्यमंत्री

राज्य के विकास और नौनिहालों के भविष्य को बनाने में राज्य सरकार शिक्षकों की हर संभव मदद करेगी। – मुख्यमंत्री

    ‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’’ सम्मान समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्ष 2023 में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कारों के लिए चयनित शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया। शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में वर्ष 2023 के लिए चयनित 19 शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को पुरस्कार प्रदान किए गए है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों एवं दुर्गम क्षेत्रों में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षक वास्तव सम्मान के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं शिक्षा के क्षेत्र में आपकी सेवाओं और प्रतिबद्धता के लिए प्रदेशवासियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूँ’’।
 राज्यपाल ने कहा कि गुरु का स्थान सबसे ऊपर है। राज्य शैक्षिक पुरस्कार से चयनित उत्कृष्ट शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन, विशेष रूप से, हर व्यक्ति को अपने विद्यार्थी जीवन की अवश्य ही याद आती है और अपने शिक्षक भी याद आते हैं। अपने गुरुओं को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गुरुओं द्वारा दिया गया ज्ञान आज भी मार्गदर्शन और प्रेरणा देता है।
  राज्यपाल ने कहा कि समाज एवं राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विश्व गुरु और विकसित भारत बनाने की दिशा में शिक्षकों की अहम भूमिका होगी। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन शिक्षकों के प्रति आदर सम्मान प्रकट करने का दिन है। आज के दिन सम्मानित हो रहे शिक्षकों ने समाज में ज्ञान का संचार एवं अपने अनुभव और मार्गदर्शन से विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने का कार्य किया है। भारतीय संस्कृति में गुरु का सर्वोच्च स्थान होता है। शिक्षक हर स्थिति में अपने विद्यार्थी को मार्गदर्शन देने का कार्य करता है। गुरु ही अपने प्रकाश से अंधकार की अज्ञानता को दूर करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन इतिहास में गुरु शिष्य परंपरा का उल्लेख मिलता है। शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षक अन्य लोगों को भी प्रेरणा देंगे एवं समाज के लिए रोल मॉडल हैं। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल युग में शिक्षकों की भूमिका और बढ़ गई है। तकनीकी विकास और वैश्वीकरण के दौर में शिक्षक, छात्रों को संस्कृति से जोड़ने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा राज्य के विकास और नौनिहालों के भविष्य को बनाने में राज्य सरकार शिक्षकों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। राज्य में शिक्षकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है।

 इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शैलेश मटियानी पुरस्कार के तहत मिलने वाली धनराशि को दस हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किए जाने की घोषणा की।

      शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी के अथक प्रयासों से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं नवाचारों की जानकारी दी। कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन ने सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और सम्मान समारोह की विस्तृत जानकारी दी। 
 महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु, शिक्षा विभाग के अन्य उच्च अधिकारीगण और पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं व उनके परिजन उपस्थित रहे। 

डॉ नारायण प्रसाद उनियाल को शैलेश मटियानी राज्य पुरस्कार मिलने हिसरियाखाल क्षेत्र में हर्ष की लहर

इधर शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव जनपद पौड़ी के प्रवक्ता डॉ. नारायण प्रसाद उनियाल को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर शिक्षकों एवं क्षेत्र के लोगों ने हर्ष जताया।

राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं शिक्षामंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में डॉ. उनियाल सहित प्रदेश के 19 शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया।

डॉ उनियाल विकासखंड कीर्तिनगर के हिंसरियाखाल क्षेत्र के बरसोली -पाटाखाल गांव के निवासी डॉ. नारायण प्रसाद उनियाल शिक्षा में नवाचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने शिक्षण कौशल को निखारने हेतु शिक्षा के क्षेत्र में कई गुणात्मक सुधार किये। शिक्षण के उन्नयन एवं गुणात्मक सुधार में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया । डॉ. उनियाल के समन्वयन में जनपद पौड़ी के इंटरमीडिएट स्तर के 300 छात्र-छात्राओं ने जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लिया। वर्तमान में वह 10 विद्यालयों के 100 छात्र छात्राओं व उनके शिक्षकों के लिए चाइनीस भाषा का शिक्षण अधिगम दून विश्वविद्यालय के सहयोग से संचालित कर रहे हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरसोली एवं इंटर तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज डांगचौरा से पूर्ण की। इसके बाद उन्होंने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की।

डॉ. उनियाल को शैलेश मटियानी राज्य पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगाँव के प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर, प्रवक्ता एमएस कलेठा, शालिनी भट्ट, जेएस राणा, सहित उनके क्षेत्र के जाने-माने समाजसेवी एवं पत्रकार डॉ. श्रीकृष्ण उनियाल, दिनेश प्रसाद उनियाल, वाणी विलास उनियाल, ऋषि राम उनियाल पूर्व प्रधानाचार्य चंडी प्रसाद बंगवाल, शैलेन्द्र तिवारी, गिरिराज उनियाल,आदि ने हर्ष जताया। सभी ने डॉ. उनियाल की उपलब्धि को प्रेरणास्रोत बताया।