दलित और पिछड़े समाज का अपमान कर रहे हैं राहुल गांधी, देश से मांगे माफी : भोला सिंह

देहरादून 21 सितंबर। भाजपा संविधान और आरक्षण समाप्त करने वाली राहुल और कांग्रेसी मंशा की पोल जनपद स्तर पर खोलेगी। लोकसभा सांसद और पार्टी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री भोला सिंह ने आरोप लगाया कि राहुल ने अमेरिका में दिए बयान से दलित एवं पिछड़े समाज के अपमान के साथ देश की छवि खराब करने का काम किया है। जिसके लिए उन्हें देश समाज से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।

प्रदेश मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल के विदेश में दिए बयान से पुनः साबित हुआ है, कि कांग्रेस आरक्षण, संविधान और डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर विरोधी है । राहुल ने आरक्षण समाप्त करने की बात कहकर, अपनी और पार्टी की एससी एसटी ओबीसी समाज विरोधी सोच को उजागर किया है। उनका यह बयान बेहद निंदनीय है जो एससी एसटी ओबीसी समाज के अपमान के साथ देश की छवि खराब करने के षड्यंत्र का हिस्सा है । उन्हें देश समाज से अपने इस कृत्य के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। पार्टी का एससी ,एसटी ,ओबीसी मोर्चा इसे जनपद स्तर पर जनता के मध्य लेकर जाएगा और कांग्रेस का असली चेहरा सामने रखेगा।

उन्होंने सीधे राहुल गांधी को निशाने में लेते हुए कहा आरक्षण हटाने की उनकी वही नीति है जिस पर गांधी नेहरू परिवार हमेशा से काम करता आ रहा है कांग्रेस पार्टी ने 57 वर्षों तक देश पर शासन किया लेकिन इस दौरान अपने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए संवैधानिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया। साथ ही कभी भी संविधान के मूलभूत आरक्षण सिद्धांतों को सही भावना और रूप में लागू करने की कोशिश तक नहीं की। यदि उनके आरक्षण और संविधान विरोधी इतिहास पर निगाह डालें तो नेहरू सरकार ने 1956 में पिछले वर्गों को आरक्षण देने की काका कालेलकर रिपोर्ट को खारिज किया था, उन्होंने ही 1961 में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि आरक्षण से क्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है । इतना ही नहीं डॉक्टर अंबेडकर के सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन को समाप्त करने के लिए, 1952 और 1954 लोकसभा चुनाव में डॉक्टर अंबेडकर को हराने का पाप किया गया। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला, मंडल आयोग रिपोर्ट को ठंडा बस्ती में डालकर रखा, 1966 से 77 तक संविधान में 25 बार संशोधन किया लेकिन हमेशा अपने हित के लिए। राजीव गांधी ने भी 1985 को आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए इसे बुद्धओ को बढ़ावा देने वाला बताया, मंडल आयोग की रिपोर्ट का लोकसभा में पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत करती है जो बाबा साहब के मूल संविधान के खिलाफ है । कांग्रेस ने अपने शासन में अल्पसंख्यक संस्थान में कभी आरक्षण लागू नही होने दिया । धारा 370 के चलते कभी कश्मीर में दलित समाज को आरक्षण का अधिकार नहीं मिला लेकिन कांग्रेस को कभी तकलीफ नहीं हुई।

जबकि दूसरी तरफ भाजपा की बात करें तो वाजपेई सरकार का कार्यकाल हो या वर्तमान में मोदी का, हमेशा एससी एसटी ओबीसी समाज और संविधान को मजबूत करने का कार्य किया गया। बाबा साहब अंबेडकर को वाजपेई एवं आडवाणी के प्रयासों से ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बात हो चाहे मोदी द्वारा बाबा साहब के जीवन से जुड़े केंद्रों को पंच तीर्थ के रूप में स्थापित करने की, चाहे धारा 370 हटाकर कश्मीर में आरक्षण का अधिकार दिलाने की, चाहे बाबा साहब के चित्र को संसद में लगाने की, चाहे आजादी के बाद पहली बार 2015 में संविधान दिवस मनाने की, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की, चाहे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण की शुरुआत की, चाहे हाल में सुप्रीम कोर्ट के टिप्पणी के बाद कैबिनेट के माध्यम से आरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता जताने की बात हो। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने राहुल के बयान के बाद पुनः विश्वास दिलाया है कि आरक्षण समाप्त करना तो दूर उसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को भी किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।

पत्रकार वार्ता में राजपुर विधायक खजान दास, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कोली, एससी एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय पदाधिकारी सुश्री स्वराज विद्वान, मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य भगवंत मकवाना, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र नेगी, समेत वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे ।