धर्मपुर विधानसभा – भाजपा के बागियों ने ही भाजपा प्रत्याशियों का बिगाड़ दिया खेल

 

 देहरादून नगर निगम चुनाव में जहां भाजपा एक ओर जीत का दम भर रही है। वहीं दूसरी ओर पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बागी प्रत्याशी पार्टी के लिए कहीं मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। कई विधानसभाओं में भाजपा के बागियों ने पार्टी के खिलाफ पार्षद का चुनाव लड़ने का फैसला लिया  । जिनको मनाने में पार्टी काफी हद तक नाकाम रही । हालांकि पार्टी ने इनके खिलाफ कार्रवाई भी कर दी है। और पार्टी से इन‌ कार्यकर्ताओं को छः साल के लिए निष्कासित कर दिया। सबसे अधिक धर्मपुर विधानसभा में बागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।  उनका आरोप है कि विधायक के टिकट वितरण में भेदभाव किया।  जिस वजह से उन्हें चुनावी मैदान में आना पड़ा। इन बागियों में सभी बड़े दमखम से चुनावी मैदान में हैं, और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को चुनौती दे रहे हैं।

वार्ड 73  विध्या विहार की बात करें तो यहां संघ पृष्ठभूमि के मंडल मंत्री नवीन नौटियाल पार्टी के विरोध में चुनाव लड़ रहे हैं।  इस वार्ड में निवर्तमान पार्षद राजपाल सिंह पयाल का टिकट काट कर रमेश गौड़ को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है । जिसके खिलाफ नवीन नौटियाल ने हुंकार भरी । और उन्हें जनता का समर्थन भी देखने को मिल रहा है।

तो वार्ड 80 रेस्ट कैंप में पूर्व पार्षद राजकुमार कक्कड़ को टिकट नहीं दिया तो उन्होंने भी अपनी धर्मपत्नी शिवानी कक्कड़ को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार दिया और भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। राजकुमार कक्कड़ राज्य आंदोलनकारी के साथ भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे हैं।

 

वार्ड 82  दीपनगर की बात करें तो यहां से भाजपा के केदारपुर मंडल के उपाध्यक्ष विवेक डंगवाल ने भाजपा के निवर्तमान पार्षद दिनेश सती को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं दोनों की नजर पहाड़ी वोटों पर है डंगवाल भी दमखम से चुनावी मैदान में हैं।

 

वार्ड 83 केदारपुर है में पीएन डिमरी जो भाजपा के सोशल मीडिया को देख रहे थे वह  भाजपा प्रत्याशी दर्शन लाल बिंजोला के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। बिंजोला प्रदेश में सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी हैं बावजूद पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है। हालांकि इस वार्ड में कांग्रेस के युवा प्रत्याशी समाजसेवी नवीन रमोला बड़ी टक्कर दे रहे हैं । और भाजपा में यहां भितरघात का सामना कर रही है। प्रदेश के सबसे बड़े वार्ड जहां बीस हजार से अधिक मतदाता हैं

 

वार्ड 84 बंजारावाला महिला ओबीसी सीट है । यहां संघ पृष्ठभूमि के पूर्व छात्र संघ महासचिव और केदार मंडल में भाजपा उपाध्यक्ष भी हैं। उनके छोटे भाई की धर्मपत्नी रुचि रावत चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने यहां एक अंजान चेहरे को मैदान में उतारा है । जिसका फायदा रुचि रावत को मिल रहा है।  रुचि पढ़ी लिखी युवा चेहरा हैं उनके जेठ जोगेंद्र रावत सामाजिक कार्यकर्ता हैं पूर्व में डीएवी छात्रसंघ महासचिव रहे हैं । धर्मपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं । उनका इस क्षेत्र में अपना दबदबा है जिसका फायदा रुचि को मिलता दिखाई दे रहा है। यहां एक और निर्दलीय प्रत्याशी चांदनी जो पिछले चुनाव में अच्छे वोट लाई थी और मुस्लिम समुदाय से है । यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी ठीक ठाक है इन दोनों में सीधे टक्कर दिखाई दे रही है कांग्रेस और भाजपा में तीसरे स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा दिखाई दे रही है ।

 

वार्ड 85  मोथरोंवाला की बात करें तो यहां भाजपा के केदार मंडल के उपाध्यक्ष सोबतचंद रमोला बागी प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में हैं। जो सीधे भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान पार्षद और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मामचंद वर्मा को सीधी चुनौती दे रहे हैं यहां भाजपा का एक बड़ा धड़ा रमोला के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है और भितरघात की पुरी संभावनाएं बनी है।

 

वहीं बात करें वार्ड 90 मोहब्बेवाला की, तो यहां भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ईश्वर सिंह नेगी ने बागी होकर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।नेगी भूतपूर्व सैनिक के साथ सामाजिक संगठनों से जुड़े हैं और क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहते हैं बार बार पार्टी उनकी अनदेखी कर रही थी । इस समय वह टिकट न‌ मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे किस्मत अजमा रहे हैं। इन बागियों की वजह से मेयर प्रत्याशी सौरभ थपलियाल को अभी तक तो कोई चुनौती नहीं दिखाई दे रहा है  लेकिन  भाजपा पार्षद प्रत्याशियों को बड़ी चुनौती दे रहे हैं।

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