देहरादून/श्रीनगर/थराली/विकासनगर—-कल राजधानी में जिस तरह बेरोजगार युवाओं पर पुलिस बर्बरता देखने को मिली । उसके विरोध में आज बेरोजगार युवाओं और राजनीतिक दलों ने कई जगह विरोध प्रदर्शन कर धामी सरकार पर चौतरफा हमला बोला। जगह जगह धामी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
पुलिस द्वारा धारा144 लगाने के बावजूद राजधानी देहरादून में युवाओं ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस हरीश रावत के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध किया। तो आम आदमी पार्टी ने जो सिंह बिष्ट के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जबकी यूकेडी पहले ही इस पूरे मामले में युवाओं खड़ी नजर आ रही है। वहीं आज विकास नगर में युवाओं के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर कल की घटना की निंदा की। रंवाई क्षेत्र में भी विरोध प्रदर्शन की सूचना मिल रही है । कुमाऊं क्षेत्र से भी कई जगह बेरोजगार युवाओं और विपक्षी दलों ने धामी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया । श्रीनगर से आई तस्वीर में युवाओं ने धामी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध किया इस दौरान उन्होंने जुलूस भी निकाला। और मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन ने कई जगह धारा 144 लगाई गई थी । युवाओं ने उसके बावजूद भी कई जगह जोरदार प्रदर्शन किया। टिहरी में युवा कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। अब यह मामला राजधानी से पहाड़ों की ओर फैलता नजर आ रहा है । जिससे सरकार के माथे पर बल दिखाई देना लाजमी है। हालांकि अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है युवाओं के साथ कांग्रेश, उत्तराखंड क्रांति दल ,आम आदमी पार्टी ने भी आज युवाओं की जायज मांगों का समर्थन करते हुए ,सरकार पर चौतरफा हमला बोला। वहीं कल की घटनाओं पर राज्य आंदोलनकारी भी खफा नजर आ रहे हैं। और पुलिस की इस दमनकारी नीति की निंदा कर रहे हैं। धामी सरकार इस पर मरहम लगाने की कोशिश तो कर रही है। लेकिन सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन में एकाएक रात को कुछ आंदोलनकारियों को डंडे के बल पर उठाया गया उन्हें मारा-पीटा गया उनके साथ बर्बरता की गई जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है ।वह किसके आदेश पर हुआ ? यह जवाब सरकार को देना होगा । लाठीचार्ज पर भी सरकार को जवाब देना होगा। अभी तक धामी सरकार एक साल के अपने कार्यकाल में विधानसभा भर्ती घोटाला, पेपर लीक मामला ,अंकिता भंडारी केस आदि मामलों में मीडिया मैनेज कर दबाने में कामयाब रही है । लेकिन इस मामले को लेकर युवाओं के आक्रोश को देखकर लग नहीं रहा की धामी सरकार की मुसीबतें अभी कम होंगी।