पहाड़ों की रानी मसूरी में होटल व्यवसाय को एनजीटी के आदेश से एक बहुत बड़ा झटका लगा। एनजीटी मसूरी झील के पास धोबी घाट के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया है। जिससे मसूरी होटल व्यवसाय में आक्रोश है। कोरोनाकाल पिछले तीन वर्षों से पर्यटन नगरी मसूरी ही नहीं पूरे उत्तराखंड के पर्यटन नगरों का व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया था। इस वर्ष राज्य का पर्यटन व्यवसायियों को पूरी उम्मीद थी कि पिछले कुछ वर्षों से करोना की वजह से जो नुकसान पर्यटन व्यवसाय को हुआ । उसकी भरपाई वह इस वर्ष कर पाएंगे । लेकिन पहाड़ों की रानी मसूरी में एनजीटी के एक फैसले से होटल व्यवसायियों के चेहरे मुरझा गए हैं उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। एनजीटी ने एक आदेश जारी कर सभी होटल ,गेस्ट हाउस व्यवसायियों को एक बड़ा झटका देते हुए मसूरी झील धोबी घाट के पानी पर पूरी तरह रोक लगा दी है । जिससे होटल और गेस्ट हाउस व्यवसायियों में भारी आक्रोश है। लाखों पर्यटक, पर्यटन सीजन में मसूरी घूमने आते हैं। ऐसे में पर्यटकों को पीने के पानी के साथ नहाने के लिए पानी की बहुत आवश्यकता होती है । लेकिन एनजीटी ने एकाएक बिना सोचे समझे ऐसा फैसला सुना दिया है जिससे पर्यटन व्यवसाय चिंतित है। मसूरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने एनजीटी के इस फैसले से हैरानी जताई। रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी में 322 पंजीकृत होटल है । जबकि 245 पंजीकृत होमस्टे और गेस्ट हाउस है। और लगभग 5600 उत्तराखंड जल संस्थान के उपभोक्ता हैं। मसूरी पर्यटन नगरी का पूरा व्यवसाय और रोजगार पर्यटन पर निर्धारित है । मसूरी में साल भर में पूरे विश्व से लगभग 50 लाख से अधिक लोग प्रत्येक वर्ष घूमने आते हैं। और समस्त उत्तराखंड वासियों की अर्थव्यवस्था और रोजगार में सहयोग करते हैं । मसूरी में कम से कम 200 करोड़ के राजस्व का सहयोग भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलता है। ऐसे में मसूरी में 14 एमएलडी पानी की आवश्यकता रहती है । उत्तराखंड जल संस्थान मसूरी के पास सिर्फ 7 एमएलडी पानी की उपलब्धता है । जिसको वह स्थानीय लोगों को उपलब्ध करवाता है । मसूरी के आसपास पानी के प्राकृतिक स्रोत से निजी पानी के टैंकर द्वारा पानी की आपूर्ति होती है। इस प्रकार मसूरी में पूर्ण रूप से रिहायशी और व्यवसाय को वक्ताओं को पानी की पूर्ति होती है । हाल ही में 12 जनवरी 2023 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ,द्वारा निर्देश देते हुए मसूरी में झील के निकट एक प्राकृतिक पानी के स्रोत से पानी लेने पर एकाएक रोक लगा दी गई है । जो मसूरी के उपभोक्ता और व्यवसाय सभी के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है । इस निर्देश से समस्त मसूरी वासियों में भय का माहौल बना हुआ है । साथ ही पानी न मिलने से पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा इन सब को देखते हुए मसूरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मसूरी के विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को एक ज्ञापन के माध्यम से निवेदन किया है कि मसूरी के पर्यटन व्यवसायियों की मूल समस्याओं को समझते हुए कोई रास्ता निकाला जाए । ज्ञापन के माध्यम से चिंता जाहिर की गई है कि मसूरी जल संस्थान के पास स्थानीय लोगों के लिए ही पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है । तो ऐसे में जल संस्थान होटल व्यवसायियों को कैसे पानी उपलब्ध कराएगा। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल जगजीत करेजा नागेंद्र उनियाल के साथ मजदूर संघ के अध्यक्ष देवी गोदियाल होमस्टे एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश भट्ट ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेश के अध्यक्ष आरती बडोनी मसूरी पानी टैंकर एसोसिएशन के अध्यक्ष साफ सिंह थापली ने भी मसूरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष समर्थन किया ।