आंखों को लेकर किसी तरह की लापरवाही जिंदगी भर का पछतावा दे सकती है. खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से आंखों की समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। डॉक्टर भी आंखों के प्रति गंभीरता दिखाने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि आंखों की किसी भी समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। जैसे ही समस्या हो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इससे समय रहते समस्या को कम या दूर किया जा सकता है। क्योंकि आंखें इतनी सेंसेटिव होती हैं कि इनसे जुड़ी किसी भी समस्या को इग्नोर करना अंधेपन का कारण बन सकती है।
आंखों की समस्याओं को न करें इग्नोर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आंखों की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. इसलिए बचपन से ही आंखों पर ध्यान देना चाहिए. बच्चों में ग्लूकोमा की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो समय के साथ अंधेपन का खतरा बढ़ा सकती है. इतना ही नहीं उम्र बढऩे के साथ होने वाली मोतियाबिंद की समस्या भी आंखों की रोशनी छीन सकती है. इसलिए आंखों से जुडे कुछ लक्षण दिखने पर सावधान हो जाना चाहिए।
आंखों से धुंधला दिखना
अगर आंखों से धुंधला दिख रहा है तो ये कई तरह की समस्याओं और बीमारियों की तरफ इशारा हो सकता है. कुछ मामलों में यह मोतियाबिंद या लेंस से जुड़ी समस्या की वजह से भी हो सकती है. इसलिए तुरंत इलाज करवाना चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर मोतियाबिंद उम्र बढऩे के साथ आंखों में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के कारण होते हैं, इसलिए अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो ये अंधेपन का कारण बन सकते हैं।
आंखों की नसों में प्रॉब्लम
आंखों की नसों की समस्या भी अंधेपन का कारण बन सकती है. यह देखने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. ग्लूकोमा ऐसी ही बीमारी है. यह आंखों में कई तरह की बीमारियों की तरफ संकेत देती है. ग्लूकोमा का कोई तय इलाज पैटर्न नहीं है. हालांकि, समय रहते इससे जुड़े इलाज से समस्या को खत्म किया जा सकता है।
आंखों में दर्द की समस्या
आंखों की कई बीमारियां दर्द बढ़ा सकती है. आंखों में चोट की वजह से दर्द हो सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आंखों में दर्द होने का मतलब है कि आंखें ज्यादा दबाव में हैं. यह ग्लूकोमा का भी लक्षण हो सकता है. अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी है तो आंखों से जुड़े डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाना चाहिए. वरना इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है।