देहरादून। पहाड़ों पर आपदा के वक्त अब सबसे पहले मौके पर होमगार्ड और ग्राम चौकीदार पहुंचेंगे। इसके लिए होमगार्ड मुख्यालय एक मोबाइल एप विकसित करा रहा है, जिसके माध्यम से कंट्रोल रूम को सूचना देकर इन्हें सक्रिय किया जाएगा। ऐसा करने से पुलिस और एसडीआरएफ के इंतजार में बीतने वाला समय कम होगा। इससे कई बड़े घातक हादसों में बहुत से लोगों की समय पर उपचार देकर जान भी बचाई जा सकती है। जल्द ही एप विकसित होने के बाद एक कंट्रोल रूम भी होमगार्ड मुख्यालय में बनाया जाएगा। दरअसल, किसी भी हादसे या आपदा के वक्त पुलिस और एसडीआरएफ को बुलाया जाता है। लेकिन, पुलिस और एसडीआरएफ की पोस्ट काफी दूर भी होती है। इससे उन्हें मौके तक पहुंचने के लिए घंटों का समय लग जाता है। इससे या तो स्थानीय लोग आपदा में लोगों की मदद करते हैं या फिर मदद न मिलने के कारण बहुत देर हो जाती है।
इससे घायलों की जान भी चली जाती है। इसके लिए होमगार्ड मुख्यालय ने अब होमगार्ड और ग्राम चौकीदारों को इसके लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। जल्द ही एक मोबाइल एप भी तैयार होगा। हादसे या आपदा के वक्त लोग इस एप पर जानकारी देंगे और होमगार्ड व ग्राम चौकीदारों को मौके लिए रवाना किया जाएगा। होमगार्ड की भर्ती ब्लॉक और जिला स्तर पर की जाती है। उन्हें तैनाती भी उनके ही क्षेत्र में दी जाती है। ऐसे में वह क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से पुलिस और एसडीआरएफ से ज्यादा वाकिफ रहते हैं। प्रदेश में ऐसे करीब पांच हजार से ज्यादा होमगार्ड ग्रामीण और दूर दराज के इलाकों में तैनात हैं। होमगार्ड मुख्यालय के अनुसार मौके के लिए स्थानीय होमगार्ड और चौकीदार सबसे पहले पहुंच सकते हैं। इससे समय पर राहत कार्य कर घायलों की जान बचाई जा सकती है।
प्रदेश में 4500 से ज्यादा चौकीदार हैं। ये भी गांवों में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बीते वर्षों में उनके मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई थी। ये पुलिस के अच्छे सहयोगी माने जाते हैं। ऐसे में इन्हें भी अब होमगार्ड के साथ मिलकर आपदा में राहत बचाव के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए होमगार्ड मुख्यालय जल्द ही डीजीपी अशोक कुमार से वार्ता करने जा रहा है। ताकि, इस योजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जा सके।
अभी तक पहाड़ी क्षेत्रों मसलन केदारनाथ, गंगौत्री, समेत चारों धामों में तैनात होमगार्ड को आपदा राहत बचाव कार्य की ट्रेनिंग दी गई है। लेकिन, होमगार्ड मुख्यालय अब जल्द ही सभी होमगार्ड को जरूरी ट्रेनिंग देगा। ताकि, उन्हें किसी भी स्थिति के लिए तैयार किया जा सके। घायलों को गहराई से निकालने से लेकर प्राथमिक उपचार आदि में भी दक्ष बनाया जाएगा। इसमें चौकीदारों को भी होमगार्ड मुख्यालय शामिल करेगा।