नई दिल्ली। दिल्ली के इक्का-दुक्का इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिलेगी। इस बीच, मंगलवार को दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री ज्यादा रहा। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में मंगलवार की सुबह से ही तेज चमकदार सूरज निकला रहा। दिन चढ़ने के साथ ही धूप भी तेज हो गई। दिन भर तेज धूप के चलते लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा। सफदरजंग मौसम केन्द्र में दिन का अधिकतम तापमान 36.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो कि सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है। जबकि, न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
यह सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। यहां पर आर्द्रता का स्तर 86 से 53 फीसदी तक रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि बुधवार को तापमान 36 से 27 डिग्री के बीच रहेगा। इस बीच कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। हवा की गति चार से छह किलोमीटर प्रति घंटे तक की रहने के आसार हैं। वहीं, मौसम के अलग-अलग कारकों की वजह से दिल्ली की हवा लगातार साफ-सुथरी बनी हुई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को संतोषजनक श्रेणी में रखा जाता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच हवा की गुणवत्ता का यह साफ-सुथरा स्तर बना रहेगा।
राजधानी दिल्ली के तीन जिलों को मानसून से मायूसी मिली है। जबकि, छह जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। जून से शुरू हुए मानसून सीजन में उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में तो सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हुई है। जबकि, मध्य दिल्ली में सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। दिल्ली में मानसून की बारिश का ट्रेंड भी अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग देखने को मिल रहा है। पहले तो जून और जुलाई में अच्छी बारिश हुई। फिर अगस्त के महीने में बारिश का आंकड़ा सामान्य से 61 फीसदी कम रह गया। जबकि, दिल्ली में सबसे ज्यादा बारिश अगस्त के महीने में पड़ता है।
सितंबर के महीने में भी अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है। हालांकि, बारिश का यह पैटर्न भी अलग-अलग जिलों में अलग दिख रहा है। मौसम विभाग दिल्ली को नौ जिलों में विभाजित करके मानसून की बारिश के आंकड़े जारी करता है। इसके अनुसार जून से लेकर सितंबर के अब तक के दिनों में दिल्ली के तीन जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। जबकि, छह जिले ऐसे हैं जहां पर सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
मौसम के सिस्टम से दिख रहा उतार-चढ़ाव
प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर बारिश के आंकड़े में कम-ज्यादा हो सकता है। दरअसल, जब मौसम का सिस्टम बहुत मजबूत होता है तो एक बड़े इलाके में बारिश होती है।लेकिन, कमजोर होने पर कहीं पर कम तो कहीं पर ज्यादा बारिश होती है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर गर्मी, हरियाली आदि का असर भी पड़ता है। लेकिन, इस पर स्पष्ट होकर कुछ कहने के लिए अभी और आंकड़े जुटाने होंगे।