अछूते पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाय -राज्यपाल
देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को राज्यपाल को विभागीय विकास कार्यों का अपडेट दिया। बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन एक वरदान के रूप में है। हमें वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप अवस्थापना सुविधाएं और यहां के पर्यटन स्थलों का विकास करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि अछूते पर्यटन स्थलों को विकसित किए जाने के साथ ही यहां स्थित पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। हमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन, वेलनेस और प्राकृतिक एवं जैविक कृषि के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। वहीं योग और आयुर्वेद के लिए देश और दुनिया के लोग यहां आ रहे हैं। इन सभी को पर्यटन के साथ जोड़ने की जरूरत है।
चारधाम, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे आध्यात्मिक तीर्थ स्थलों के साथ-साथ साहसिक पर्यटन की बेहतर संभावनाएं हैं, प्रत्येक व्यक्ति यहां आने के लिए आतुर है। राज्यपाल ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध औली में स्कीइंग को प्रोत्साहित किए जाने हेतु विशेष प्रयास की जरूरत है। इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद युगल किशोर पंत ने पर्यटन विकास से सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण दिया।
उन्होंने बताया कि कुमाऊं में मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुल 48 मंदिरों में कार्य कराए जाने प्रस्तावित हैं। इसके अंतर्गत पहले चरण में 16 मंदिरों को लिया गया है। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा में इस वर्ष श्रद्धालुओं की सुविधाओं हेतु टोकन सिस्टम प्रारंभ किया गया है और उनकी सुविधाओं के लिए पर्यटन मित्र भी बनाए गए हैं।
इस वर्ष अभी तक चारधाम यात्रा में 41,23,377 श्रद्धालु आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि रोप-वे के माध्यम से भी पर्यटकों को कई स्थानों में सुविधाएं दी जा रही है और कुछ अन्य रोप-वे भी प्रस्तावित हैं। मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट पार्क को विकसित किए जाने की भी कार्यवाही गतिमान है। पंत ने बताया कि पर्यटन विकास परिषद द्वारा लोगों कोे स्वरोजगार से संम्बन्धित योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना और दीन दयाल होम स्टे योजनाओं में कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधाओं सहित अन्य विकासात्मक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि धार्मिक और आध्यात्मिक सर्किट के अंतर्गत उत्तराखंड में शक्ति सर्किट, नवरात्रि सर्किट, शैव सर्किट, वैष्णव सर्किट, विवेकानंद सर्किट आदि को विकसित किए जाने पर कार्य किया जा रहा है। बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाड़ा सी रविशंकर, कर्नल समीर और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।