नहीं थम रहा डेंगू का कहर, इस जिले के अस्पतालों में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या 

हरिद्वार। उत्तराखंड में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हरिद्वार की बात करें तो यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मंगलवार को एलाइजा जांच में 10 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। नए मामले समेत जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 472 हो गया है। इनमें सर्वाधिक 139 मामले हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र के हैं। हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में लगातार डेंगू के बढ़ते मामलों ने नगर निगम प्रशासन के डेंगू के खात्मे को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खोलकर रख दी है। वार्डों में कीटनाशक छिड़काव के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। डेंगू का डंक बेकाबू होता जा रहा है। लगातार डेंगू के नए मामले सामने आ रहे हैं।

बीते साल के मुकाबले जिले में डेंगू के मरीज करीब दोगुने हो गए हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार महकमा डेंगू के खात्मे को धरातल पर कार्य करने के बजाए कागजी खानापूर्ति में जुटा है। चौंकाने वाली बात यह कि जिले में अब तक डेंगू के सर्वाधिक 139 मामले हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में आए हैं। जो नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली की पोल खोलने के लिए काफी है। हालांकि नगर निगम प्रशासन की ओर से जन जागरूकता के साथ-साथ लगातार कीटनाशकों का छिड़काव और फागिंग का दावा किया जा रहा है। इसके लिए पांच स्प्रे टैंकर, पांच फागिंग मशीन तथा 10 फोंटाना मशीनें लगाने की भी बात कही जा रही है। नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि नगर निगम को छह जोन में बांटकर 101 फागिंग मशीन तथा दो-दो फोंटाना स्प्रे मशीन से भी प्रत्येक जोन में कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है। बताया कि अभियान और तेज किया जाएगा।

डेंगू ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। ऐसे में कूलर, गमले, पुराने टायर, कबाड़ आदि में पानी जमा न होने दें। समय-समय पानी को बदलते रहे। घर और इसके आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। यदि कहीं जल निकासी संभव नहीं है तो वहां जला मोबिल, केरोसिन आदि डाल दें। फ्रिज के वेस्ट वाटर बॉक्स की भी समय-समय सफाई करें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी आस्तीन का कपड़ा पहनें। बुखार की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें।

जिले में साल दर साल डेंगू के मामले

वर्ष – डेंगू के मामले

2018 – 266

2019 – 715

2020 – 069

2021 – 561

2022 – 285

2023 – 472