आज दिनांक 24-अक्टूबर को दोपहर 03-30 बजे शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच की एक आपात बैठक आहूत की गईं। बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण लागू कराने हेतु प्रवर समिति की बैठक को 02-माह आगे बढ़ा दिया गया। इस पर सभी राज्य आंदोलनकारियों ने आक्रोश व्यक्त किया। बैठक में वक्ताओं ने प्रवर समिति की कड़ी निन्दा की। प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल एवं समिति के सदस्यों पर आक्रोश व्यक्त करते हुये आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। उल्टा राहत देने कें बजाय राज्य आंदोलनकारियों कें साथ मामा -मारीच बनकर छल करने का कार्य कर रही है। चाहे एक समान पेंशन का मामला हो या आंदोलनकारियों की अन्य मांग , अभी तक सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई । और राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं कें साथ अभी तक भद्दा मजाक किया है। राज्य आंदोलनकारी मंच प्रवर समिति के अध्यक्ष से मिलकर अपना विरोध दर्ज कर समय बढ़ाने का विरोध दर्ज करेगा यदि समय नहीं घटाया गया तो पुनः मुख्यमंत्री के द्वार पर अपना विरोध दर्ज करेंगे।
बैठक में बीर सिंह रावत व सूर्या बमराडा ने कहा कि अब हमारी उम्र की सीमा पार हो गईं इसकी जिम्मेदारी किसकी है यदि मंशा साफ है तो फिर उप समिति से लेकर कैबिनेट बैठक कर पुनः प्रवर समिति की बैठक पर बैठक कर सभी की भावनाओं कें साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि जब सरकार क्षैतिज आरक्षण को लागू करना चाहती है तो प्रवर समिति बनाने का क्या औचित्य है ।
राज्य आंदोलनकारी मंच सुदेश कुमार ने कहा कि अब हम आगे की रणनीति के लियॆ स्वतंत्र है कि कब किसका विरोध दर्ज या प्रतिकार करने हेतु। वहीं विनोद असवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस बैठक को 02-माह के बजाय इसे दो हफ्ते से पहले बुलाई जाय ताकि करनी और कथनी मेँ अन्तर नजर आयें।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, देश प्रवक्ता एवं जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती,बीर सिंह रावत,सुदेश सिंह,विजय बलूनी, सतेंद्र नौगांई, सूर्या बमराड़ा, प्रभात डंडरियाल, आशीष चौहान शैलेंद्र राणा आदि मौजूद थे