बजट सत्र विपक्ष के तरकस में हैं कई सवाल, सरकार भी जवाब को तैयार।

गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आज से शुरू होने वाले बजट सत्र पर सभी की निगाहें रहेंगी। 2 साल बाद गैरसैंण (भराड़ीसैंण) फिर से गुलजार हुआ।
दो-तीन दिन पूर्व कर्मचारी /अधिकारी यहां पहुंचे। और कल महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)सुबह 11:40 अपने चापर से भराड़ीसैंण पहुंचे। स्पीकर ऋतु भूषण खंडूरी ने उनका फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। कल मुख्यमंत्री समेत उनके मंत्री का और विधायक देर रात तक भराड़ीसैंण में बजट सत्र के लिए पहुंच चुके हैं कांग्रेस के एक विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी चोटिले होने के कारण इस सत्र में भाग नहीं ले रहे हैं।
सत्र सुचारू रूप से चले इसके लिए कल श्याम को अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधायक कार्यों व कार्य संचालन का एजेंडा रखा। बैठक में 13 से 14 मार्च तक का एजेंडा तय किया गया। जिसमें राज्यपाल का अभिभाषण अध्यादेश को पटल पर रखा जाना औपचारिक कार्य विधायी, कार्य विधानसभा सत्र में वित्तीय वर्ष 2023- 24 हेतु आय व्ययक का प्रस्तुतीकरण एवं बजट पर चर्चा भी की जानी है । आगे के उपनिवेशन के लिए 14 तारीख शाम को पुनः कार्य मंत्रणा समिति की बैठक की जाएगी । बैठक में नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ,संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या ,विधायक मोहम्मद शहजाद, खजानदास , विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ विधानसभा के प्रभारी हेम पंत और उप सचिव नरेंद्र रावत मौजूद रहे। स्पीकर ने सभी से सदन को शांतिपूर्वक संचालित करने का आग्रह किया। हालांकि बजट सत्र के दौरान हंगामा के पूरे आसार हैं।


मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने‌ की तैयारी में है सरकार भी विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब देने की कोशिश में रहेगी। धामी सरकार के लिए यह बजट अहम इसलिए भी है, उनके दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। लोगों की उनसे काफी उम्मीदें हैं। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण (भराड़ीसैंण) को लेकर भी कई सवाल भारतीय जनता पार्टी के अंदर से निकल कर आ रहे हैं । क्या पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व में ग्रीष्मकालीन राजधानी के विकास के लिए ढाई सौ करोड़ रुपए की योजना रखी थी । क्या इस बजट सत्र में गैरसैंण के विकास के लिए अलग से बजट का प्रावधान होगा । इस पर कांग्रेस भी सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी इस पर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी और कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही मुख्य विपक्षी दल अंकिता हत्याकांड में अभी वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हुआ ,वह एक अभी तक पहली बनी हुई है ।अभियुक्तों का लंबित नारको टेस्ट भी विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा हो सकता है । इसके अलावा 8 और 9 फरवरी को देहरादून में बेरोजगारों युवाओं पर हुए लाठीचार्ज और उसके बाद जांच में बड़े अधिकारियों को बचाते हुए सिर्फ 3 पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर को भी कांग्रेस व बेरोजगार संघ ने मुख्य मुद्दा बना सकती है । पेपर लीक का मामला, भर्ती घोटाला जोशीमठ में आपदा से जुड़े पुनर्वास व केंद्र सरकार के विशेष आर्थिक पैकेज पर भी विपक्ष हमलावर रह सकती है ।विधानसभा भर्ती घोटाले में कोटिया कमेटी की रिपोर्ट के बाद बर्खास्त किए गए कर्मियों का आंदोलन भी चर्चा में है, शिक्षकों व उपनल समेत कई अन्य संगठन से जुड़े मसले पर जारी धरना प्रदर्शन भी विपक्ष के महारथी गैरसैंण में उठा सकते हैं। राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विपक्ष मुखर होकर सवाल खड़ा कर सकता है। ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिन को लेकर विपक्ष के तरकश‌‌ से‌ निकले सवालों का जवाब सरकार को देना होगा। विपक्षी पार्टियां और कई संगठन सरकार को कई मुद्दों पर घेरेने‌ के लिए तैयार है‌। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को सदन और सड़क पर घेरने की योजना बना चुकी‌‌ है। जहां सदन के अंदर कांग्रेस के वरिष्ठ और विपक्ष के नेता यशपाल आर्य के नेतृत्व में सदन में कांग्रेस हमलावर रहेगी। तो वहीं दूसरी ओर सड़क पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सरकार के खिलाफ लामबंद रहेगी। उत्तराखंड क्रांति दल भी कई मुद्दों पर सड़कों पर सरकार को घेरेगी। गैरसैंण में धारा 144 पहले ही लगा दी गई है। अब देखना होगा कि सरकार विपक्ष के सवालों से किस तरह निपटेगी।