राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान, विधायकों की बल्ले बल्ले

आखिरकार राज्य आंदोलनकारियों की वर्षों पुरानी एक मांग पर धामी सरकार ने मुहर लगा दी है। आज कैबिनेट की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में बड़ा सम्मान देते हुए 10%क्षैतिज आरक्षण दिए जाने को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने विधायकों की निधि की राशि में इजाफा करते हुए 5 करोड़ सालाना को मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा कैबिनेट ने महिला मंगल दल को दिए जाने वाली धनराशि 25 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख करने का फैसला लिया है।


धामी सरकार के इस कदम को पूर्व राज्य आंदोलनकारी कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी,तो‌ कई नौजवान मातृशक्ति ने जेलों में यातनाएं सही। कई राज आंदोलन के दौरान घायल हुए। उनके लिए यह सम्मान मिलना ही चाहिए था पहले ही इसमें देरी हुई है। कई राज्य आंदोलनकारियों ने धामी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की एक समान पेंशन योजना की भी मांग की।


आज गैरसैंण में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने खूब हंगामा काटा । जैसे ही राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ( से नि) ने अभी भाषण पढ़ना शुरू ही किया था, तभी कांग्रेश के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस के विधायकों ने अंकिता भंडारी को न्याय दो, गरीबों का शोषण बंद करो ,जुमलेबाजी की सरकार नहीं चलेगी, आदि नारे लगाकर खूब हंगामा काटा। वहीं दूसरी ओर सड़क पर भी कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं में जोश दोगुना हो गया। इस बीच पुलिस के साथ भी तीखी नोकझोंक देखने को मिली । हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना जारी रखा और सरकार का एजेंडा सदन में रखा।