ओबीसी आरक्षण लागू करने की संवैधानिक बाध्यता के चलते निकाय चुनाव में देरी: कोठारी

देश के शीर्ष विशेषज्ञों वहां सर्वश्रेष्ठ बचाव अभियान चला रहे हैं, विपक्ष के आरोप बेबुनियाद।

कांग्रेस को भाजपा की सांगठनिक प्रक्रिया की समझने में ही दशकों लगेंगे, बनाना तो उनके लिए नामुकिन है।

देहरादून 18 नवंबर । भाजपा ने निकाय चुनावों के पीछे हटने को ओबीसी आरक्षण लागू करने की संवैधानिक बाध्यता बताया है । साथ ही मंत्रियों के मौके पर नही पहुंचने और तकनीकी लापरवाही के विपक्षी आरोपों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, पीएम और सीएम पल पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, देश के शीर्ष विशेषज्ञ वहां सर्वश्रेष्ठ बचाव अभियान चला रहे हैं ।

पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठरी ने कहा, टनल में फंसे श्रमिकों को लेकर हम सभी चिंतित हैं और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सर्वोच्च प्रयास किए जा रहे हैं । प्रधानमंत्री मोदी स्वयं दो बार बचाव अभियान की जानकारी सीएम धामी से ले चुके हैं । उन्होंने मंत्रियों की गैरहाजिरी और तकनीकी कमी के विपक्षी आरोपों की कड़ी आलोचना की । साथ ही कहा, इससे अधिक क्या हो सकता कि मुख्यमंत्री ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया और पल पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, देश के श्रेष्ठ विशेषज्ञ और विश्व की बेहतरीन तकनीक मौके पर हैं । उन्होंने उम्मीद जताई कि शीघ्र ही सभी 41 श्रमिक भाई सुरक्षित हम सबके मध्य होंगे ।

निकाय चुनाव में देरी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कोठारी ने कहा, चूंकि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं चुनावी प्रक्रिया में ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करवाने के, नए क्षेत्र का निकायों में जुड़ने से परिसीमन और मतदाता सूची की प्रक्रिया को भी पूरा होने में समय लगना तय है । लिहाजा संवैधानिक बाध्यता के कारण निकाय चुनावों में देरी होना स्वाभाविक है । उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा, उन्हे इस मुद्दे पर भ्रम फैलाकर राजनीति करने से बचना चाहिए ।

उन्होंने भाजपा की तरह सांगठनिक ढांचा दुरस्त करने के कांग्रेसी दावों पर कटाक्ष किया कि असल और नकल में बड़ा फर्क होता है । भाजपा विचारधारा एवं सेवा समर्पण भाव वाले कार्यकर्ताओं का दुनिया में सबसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ राजनैतिक संगठन है । हम सिर्फ सरकार बनाने के साथ समाज में बदलाव लाने के उद्देश्य को लेकर चलने वाली पार्टी हैं । उन्होंने तंज किया कि कांग्रेस तो हमे सिर्फ समझने में ही दशकों लग जायेंगे, बनाना तो लगभग असंभव है ।