उत्तराखंड का बजट शानदार, सर्व स्पर्शी, सर्व समावेशी व सामाजिक जन आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य को सशक्त बनाने वाला है । यह बजट मुख्यमंत्री धामी के विजन 25 ( वर्ष 2025 उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा) को साकार करने वाला साबित होगा, यह बात आज भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कोटद्वार में देवी मंदिर के निकट एक होटल में बजट को लेकर प्रेस वार्ता में कही। विष्ट ने कहा नए उत्तराखंड के संकल्प वाले इस बजट में जहां युवाओं को बेहतर शिक्षा और बेहतर रोजगारपरक शिक्षा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है वहीं कृषि, उद्यान, ग्रामीण विकास,स्वास्थ्य, पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी महत्व दिया गया है।
यह बजट 18.5 फ़ीसदी वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 77407 करोड रुपए का है। जो उत्तराखंड की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है, सबसे अधिक और सबसे महत्वपूर्ण हमारे भविष्य के लिए 10459 करोड़ का प्रावधान शिक्षा, खेल और युवा कल्याण के लिए है,समग्र शिक्षा योजना के लिए 813 करोड़ की बात हो चाहे निजी स्कूलों में निर्धन बच्चों की शिक्षा के लिए 169 करोड़ की बात हो या उत्कृष्ट कलस्टर विद्यालय स्थापित करने के लिए 51 करोड़ की बात, मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना में छात्रवृत्ति की बात है या अन्य छात्रवृत्ति और मुफ्त किताबें व यूनिफार्म की बात हो इसी तरह अन्य सभी शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने वाली अन्य योजनाओं की बात है। स्वास्थ्य के लिए 4217 दशमलव 87 करोड, अटल आयुष्मान हेतु 400 करोड़, मेडिकल कॉलेज तथा नर्सिंग कॉलेज के निर्माण हेतु 400 करोड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के लिए 772 करोड़ शामिल है।
गांव की तस्वीर बदलने के लिए ग्राम में विभाग के लिए 3272 करोड, पेयजल, आवास, नगर विकास के लिए 2525 करोड रुपए, पीएम आवास योजना के लिए 319 करोड रुपए, स्वच्छ भारत अभियान के तहत होने वाली योजनाओं के 227 करोड़, लोक निर्माण विभाग के लिए 2791 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार ने जेंडर बजट के तहत 13920 करोड़ का प्रावधान किया गया है जेंडर बजट का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विकास के लिए स्वास्थ्य शिक्षा श्रम रोजगार क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाता है विभागीय योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जेंडर बजट को दो श्रेणी में रखा गया है जो योजनाएं शत-प्रतिशत महिलाओं के लिए बनाई गई है।
सरकार ने बजट में सप्त ऋषि योजना के तर्ज पर 7 मुख्य बिंदुओं पर फोकस किया है। जिसमें मानव पूंजी निवेश, समग्र कल्याण, स्वास्थ्य सेवा सुलभता, पूंजीगत खर्च, सुलभ आवागमन, प्रौद्योगिकी पर जोर इकोलॉजी बनाम इकोनामी।
निराश्रित विधवा पेंशन हेतु 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है किसान पेंशन योजना हेतु 33 करोड़, नंदा गौरा योजना हेतु 282 करोड़, मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना हेतु 26 करोड़, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु 23 करोड, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना हेतु 19.95 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, नगर अध्यक्ष पंकज भाटिया, संग्राम सिंह भंडारी, आकाश फूल, मीनू डोबरियाल, मुकेश डबराल, अनिरुद्ध ध्यानी, अनुसूचित जाति के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र आर्य, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष शांतनु रावत सहित दर्जनों कार्यकर्ता आदि मौजूद थे।