महिला की हत्या के मामले में कोर्ट ने पति और देवर को सुनाई उम्रकैद की सजा, छह साल की बेटी ने दी गवाही

बरेली। महिला की हत्या के मामले में कोर्ट ने उसके पति और देवर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले की एकमात्र चश्मदीद छह साल की बेटी ने कोर्ट में पिता व चाचा के खिलाफ गवाही दी थी। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 27-27 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की रकम बेटी को दी जाएगी। घटना थाना सुभाषनगर की है। मृतका के पिता सत्य प्रकाश सक्सेना ने लिखाई गई रिपोर्ट में बताया था कि उनकी बेटी विनीता की शादी एक जून, 2015 को शांति विहार कॉलोनी सुभाषनगर निवासी विपिन सक्सेना से हुई थी।

शादी के बाद विनीता के ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे। विपिन के किसी युवती से अवैध संबंध थे। उसने विनीता को मायके जाने के लिए कह दिया था। विनीता की एक बेटी भी है। घटना के माहभर पहले से विनीता मायके में थी। ससुराल वालों के कहने पर सत्यप्रकाश अपनी बेटी को उसकी ससुराल छोड़ आए थे। 16 अगस्त, 2021 को उसके पड़ोसी ने बताया कि उनकी बेटी को मार दिया गया है।वह बेटी की ससुराल पहुंचे तो विनीता का शव खून से लथपथ पड़ा था। उन्होंने विपिन, उसके भाई आकाश सक्सेना, पिता राजकुमार सक्सेना और मां सुनीता सक्सेना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के बाद विपिन व आकाश के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में पेश किया गया।

अभियोजन की ओर से सरकारी वकील सचिन जायसवाल ने सात गवाह पेश किए। अपर सत्र न्यायाधीश तबरेज अहमद की अदालत ने पति विपिन सक्सेना व उसके भाई आकाश सक्सेना को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है।

विनीता की छह साल की बेटी कोमल ने कोर्ट में गवाही के दौरान बताया कि उसके पापा, चाचा और दादी-बाबा उसकी मां को बेल्ट से मारते थे। वे उसकी मां को पसंद नहीं करते थे। घटना वाले दिन इन्होंने मां को बटनी से मारा। वह चीखीं तो उन्हें कमरे में बंद कर दिया था।  बच्ची ने कहा कि मैं चीखती रही कि कोई मेरी मम्मी को बचा लो। मम्मी को मत मारो पर किसी ने नहीं सुनी। सुबह होने पर दरवाजा खोला तो मम्मी बोल नहीं रही थीं। फिर नाना-नानी आए और उन्होंने पुलिस को पूरी बात बताई।