कानपुर। जूही थानाक्षेत्र में मामा के नाम से पुकारे जाने वाले एक 50 साल के अधेड़ ने महज आठ साल की मासूम को चॉकलेट-चिप्स खिलाने के नाम पर जंगल ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की। मासूम दर्द से चिल्लाने लगी तो उसका गला घोंटकर मारने का प्रयास किया। जब उसने किसी से कुछ भी न कहने की बात कही तो आरोपी ने उसे छोड़ दिया। हालांकि किशोरी सीधे घर पहुंची और उसने अपने माता-पिता को पूरी घटना बताई। दरिंदे की कारस्तानी सुनकर लोगों ने आरोपी को दौड़ाकर पकड़ लिया और जमकर पीटा। इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मूल रूप से बिहार के पुर्निया जिला निवासी युवक पत्नी व बच्चों के साथ महीने भर पहले कानपुर आया था। मजदूरी कर वह परिवार का भरण पोषण किया करता था।
परिवार के अनुसार सोमवार दोपहर करीब बारह बजे उसे बेटे ने बताया कि मोहल्ले में रहने वाले 50 साल के अधेड़ जिसे बच्चे मामा कहते थे, वह उनकी आठ साल की बेटी को चॉकलेट दिलाने के बहाने ले गया है। हालांकि जब काफी देर तक बेटी नहीं मिली, तो उन्होंने मोहल्ले के लोगों से पूछताछ शुरू की। इस बीच करीब बारह बजे बेटी बदहवास हालत में भागती हुई आई और बताया कि मामा उसे लेकर पास की मिल के जंगल में ले गए और उसके कपड़े जबरदस्ती उतारकर कुकर्म किया। जब उसने कहा कि वह किसी से शिकायत नहीं करेगी तो उसे छोड़ दिया। बिलखते बच्चे की आपबीती सुन परिजन भड़क उठे और उसे जमकर पीट दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को मेडिकल के लिए भेज दिया, जबकि आरोपी को गिरफ्तार कर उसका भी मेडिकल करा रही है। इंस्पेक्टर जूही जितेंद्र सिंह ने बताया कि मारपीट की वजह से आरोपी भी जख्मी हो गया था। इसलिए उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। जिस अधेड़ पर बच्ची से दरिंदगी के आरोप है उसे पूरा मोहल्ला मामा कहकर पुकारता था। मोहल्ले के लोगों के अनुसार वह ज्यादातर महिलाओं को बहनजी कहकर पुकारता था, इसलिए उसे मामा कहा जाने लगा। हालांकि इस घटना के बाद लोगों में दहशत है। कहा जा रहा है कि वह अक्सर बच्चों को अपने साथ ऐसे ही कुछ खिलाने पिलाने के नाम पर ले जाता था। पुलिस अब आरोपी से विस्तार से पूछताछ में जुटी है ताकि यह पता किया जा सके कि कहीं किसी और के साथ ऐसी घटना न हुई हो।