गाजियाबाद। मुरादनगर थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में कलयुगी पिता की हैवानियत का मामला सामने आया है। आरोपित ने अपनी दो सगी बेटियों के साथ दुष्कर्म किया। वह पिछले चार साल से उनका शारीरिक उत्पीड़न कर रहा था। दोनों ही बेटियां नाबालिग हैं। विरोध पर दोनों को जान से मारने की आरोपित धमकी देता था। घबराई बेटियों ने अपनी मां को भी कुछ नहीं बताया। शिकायत करने की भी हिम्मत नहीं जुटा सकी। कुछ दिन पहले शिक्षिका के पूछने पर बड़ी बेटी ने रोते हुए सब बताया तो मामले से पर्दा हटा।
पुलिस की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। रविवार को पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपित पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
क्या है मामला
थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी की रहने वाली दंपती कामगार हैं। उनके दो बेटियां हैं। एक की उम्र 15 और दूसरी की 17 वर्ष है। दोनों एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती है। पिछले काफी समय से व्यक्ति ड्यूटी पर नहीं जा रहा है। पत्नी ही मजदूरी कर परिवार को चला रही हैं।
पीड़िता ने शिक्षिका को बताई आपबीती
काफी समय से दोनों बेटियां गुमसुम रहती थीं। कुछ दिन पहले बड़ी बेटी स्कूल में मायूस बैठी थी। शिक्षिका उसके पास आई और मायूस रहने का कारण पूछा। पहले तो उसने कुछ नहीं बताया। लेकिन जब शिक्षिका ने मदद का भरोसा दिया तो वह रोने लगी।
कई बार किया दुष्कर्म, मारा-पीटा
उसने शिक्षिका को बताया कि पिता उनके निजी अंगों से छेड़खानी करते हैं। कई बार उनके साथ दुष्कर्म भी किया। जब भी मना किया तो पिता ने उन्हें बेरहमी से पीटा। हर बार जान से मारने की धमकी दी। पिछले चार साल से पिता का उत्पीड़न झेल रही हैं। ऐसा ही छोटी बहन के साथ भी किया गया। कई बार मां से शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सकी।
आरोपी पिता गिरफ्तार
शिक्षिका ने उनकी बात पर गंभीरता बरतते हुए पुलिस अधिकारियों से कॉल कर संपर्क किया। अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। पुलिस अधिकारियों ने एक महिला दारोगा को जांच दी। उन्होंने जांच की तो आरोपों की पुष्टि हुई। दोनों बेटियों के बयान भी दर्ज हुए। इस पर रविवार को पुलिस ने बड़ी बेटी की शिकायत पर केस दर्ज कर आरोपित पिता को गिरफ्तार कर लिया।
कई बार आत्महत्या का आया ख्याल
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जब वे दुष्कर्म के लिए मना करती थी तो पिता खाना नहीं देता था। उनके साथ गलत व्यवहार करता था। गाली-गलौज भी की गई। इसी के चलते पढ़ाई में भी मन नहीं लगता था। कई बार तो आत्महत्या करने का भी ख्याल आया। लेकिन किसी तरह हौसला बांधा। पिता की करतूत से तंग आकर दोनों बहनें अधिकांश समय घर से बाहर ही रहने लगी। उसी समय घर पर आती थी जब मां घर पर मौजूद रहती थी। स्कूल से भी देरी से आने लगी। स्कूल के मैदान में समय व्यतीत कर देती थी।