नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत और महिला आरक्षण बिल पास होने के मौके पर नारी सशक्तिकरण के प्रदर्शन के लिए भाजपा और केंद्र सरकार ने जो प्रतीक चुना वह हैरान करने वाला था। सशक्त महिला के तौर पर सिर्फ फिल्मी हिरोइन्स को संसद भवन बुलाया गया। दो-चार महिला खिलाड़ी भी पहुंचीं लेकिन वे रिटायर हो चुकी हैं या करियर के आखिरी दौर में हैं।
यह हैरान करने वाली बात है क्योंकि जितनी संख्या में अभिनेत्रियां संसद में पहुंचीं और उनके वीडियो व फोटोज सोशल मीडिया में शेयर हुए उससे अनेक लोगों को यह कहने का मौका मिला कि केंद्र सरकार जिस तरह का बिल ले आई है उसके कानून बनने के बाद इसी तरह की महिलाएं संसद में पहुंचेंगी। बिना ओबीसी आरक्षण के महिला बिल पेश होने पर शरद यादव ने जो कहा था एक तरह से वह देखने को मिला।
बहरहाल, नए संसद भवन में 19 सितंबर से कामकाज शुरू हुआ और उसी दिन महिला आरक्षण बिल पेश हुआ। उस दिन से 21 सितंबर तक यानी संसद का विशेष सत्र खत्म होने तक के तीन दिन में कई अभिनेत्रियां संसद में पहुंचीं। भाजपा के सांसदों ने और यहां तक कि कैबिनेट मंत्रियों तक ने उनके साथ फोटो खिंचवाई। एक बड़े चैनल की बड़ी एंकर ने तो एक हीरोइन का इंटरव्यू भी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि 2014 से पहले लोग देश के राष्ट्रपति तक का नाम नहीं जानते थे।
बहरहाल 19 से 21 सितंबर के बीच तीन दिन में कंगना रनौत, भूमि पेडनेकर, ईशा गुप्ता, तमन्ना भाटिया, दिव्या दत्ता, कीर्ति कुल्हड़ी, शहनाज गिल, स्मृति कालरा, सपना चौधरी आदि संसद भवन में पहंचे। इसमें कुछ नाम शामिल हो सकते हैं। खिलाडिय़ों में अंजू बॉबी जॉर्ज, रानी रामपाल, एमसी मैरीकॉम को देखा गया।