नम आंखों के बीच आज मां सुधा लखेड़ा-बेटी महक का अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया । मैं स्वयं इस दुखद घटना से आहत हूं। अंतिम संस्कार के दौरान हरिद्वार में मेरी आंखें नम हो गई। आंसू को रोक पाना मुश्किल हो गया । मैं ही क्या? वहां तो हर किसी की आंखें नम थी। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।
कल रविवार को दोपहर १२बजे के करीब मसूरी से देहरादून जा रही रोडवेज की अनुबंधित बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी । इस भीषण हादसे में मसूरी के बाराकैंची निवासी सुधा लखेड़ा (40) पत्नी सुधाकर लखेड़ा, और उनकी 15 वर्षीय बेटी महक की दर्दनाक मौत हुई थी। इस हादसे में कई लोग घायल हुए। बस में सवार यात्रियों ने बस चालक को इस हादसे का जिम्मेदार बताया। कुछ लोग कह रहे थे कि चालक नशे में है और गाड़ी को तेज रफ्तार से चला रहा था और जब मसूरी से 5 किलोमीटर नीचे शेरगढ़ के पास बस पहुंची उस दौरान चालक गुटखा हाथ में रबड़ रहा था कारण जो भी हो वह जांच का विषय है इस परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया है। हमने जब मसूरी में विद्यार्थी परिषद की इकाई खड़ी की थी इस परिवार के योगदान को हम कभी नहीं भुला सकते। मसूरी से पहली छात्रा सुधा लखेड़ा विद्यार्थी परिषद में पूर्णकालिक रही छोटी बहन सुषमा लखेड़ा विद्यार्थी परिषद ने कॉलेज छात्रा प्रमुख और अन्य पदों पर रही इनके पिताजी गेंदालाल लखेरा जी संघ से जुड़े हैं बावजूद इसके आज इस मुसीबत की घड़ी में मसूरी भाजपा और विद्यार्थी परिषद के कोई भी कार्यकर्ता उनके साथ खड़े नहीं दिखाई दिया । मुझे बहुत कष्ट हुआ। सरकार ने हालांकि मृतक परिवार को4 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। और इस हादसे कि जांच के आदेश दिए। इस हादसे में घायल लोगों ने कई गंभीर सवाल खड़े किए सरकार को इस तरह की घटना को रोकने के लिए पहाड़ों पर अनुभवी चालकों और नई बसों को संचालित करना होगा ।