मात्र 24 घंटों के अंदर बीकेटीसी ने बद्री विशाल और केदार धाम में लगे क्यूआर कोड को लेकर अपना बयान बदल दिया है जिसे उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी
ने हतप्रभ करने वाला और हास्यास्पद प्रकरण बताया है।
दसौनी ने कहा की उत्तराखंड की जनता ने और उत्तराखंड की सरकार ने बीकेटीसी को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी और वह थी चार धाम यात्रा को सुचारू सुलभ और सुरक्षित रूप से क्रियान्वित करने की तथा बीकेटीसी में चल रहे कार्यों पर नजर रखने की।
दसौनी के अनुसार बीकेटीसी ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नहीं किया और उत्तराखंड के साथ धोखा किया इसी के चलते बद्री केदार धाम में कोई कंपनी आकर पेटीएम स्कैनर लगा जाती है जिसके पश्चात बीकेटीसी आनन-फानन में अज्ञात के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करता है बीकेटीसी के अध्यक्ष मीडिया के लिए बयान जारी करते हैं जिसमें वह पूरे प्रकरण के प्रति अनभिज्ञता जाहिर करते हैं और ठीक 24 घंटे बाद पता चलता है कि 2018 में बीकेटीसी का पेटीएम के साथ अनुबंध हुआ था और यह चंदे की उगाही 2018 से ही गतिमान है।
यानी कि बीकेटीसी ने खुद के ही खिलाफ पुलिस में एफ आई आर दर्ज करा दी
दसोनी ने कहा कि जो कुछ भी उत्तराखंड में चल रहा है वह किसी पिक्चर की स्क्रिप्ट से कम नहीं है। दसोनी ने कहा कि जिस तरह से बीकेटीसी ने पूरे घटनाक्रम पर यू-टर्न लिया है उससे उसकी विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े होते हैं ,यही नहीं पुलिस प्रशासन की भी इस पूरे प्रकरण में जो भूमिका रही है वह सवालों के घेरे में है।
दसोनी ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी के राज में उत्तराखंड मजाक का केंद्र बनता चला जा रहा है ।आए दिन राष्ट्रीय पटल पर उत्तराखंड की किरकिरी हो रही है।दसौनी ने मांग की की बीकेटीसी के अध्यक्ष कल जारी किए गए बयान के तर्ज पर एक और बयान अपनी कोताही और लापरवाही के लिए उत्तराखंड की जनता से माफी मांगते हुए जारी करें।