कांग्रेस की एआईसीसी लिस्ट में वरिष्ठ नेताओं का नाम गायब होने से बबाल।प्रीतम ने उठाए सवाल?

उत्तराखंड कांग्रेस की एआईसीसी की लिस्ट जारी होते ही उस पर विवाद भी शुरू हो गया है । इस लिस्ट में कई बड़े नेताओं के नाम गायब होने से वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर प्रदेश प्रभारी आ गए । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं‌ बरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने‌ लिस्ट पर कई सवाल खड़े किए हैं । प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी पर सबसे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें उत्तराखंड के लोगों की अनदेखी की गई है । वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को इस लिस्ट में नाम होना चाहिए था । उनका नाम नहीं है,ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया । इसमें कुछ जिलों को तो छुआ तक नहीं । दो जनपद की भी अनदेखी की गई है उत्तरकाशी और चंपावत को छोड़ दिया गया गया । प्रीतम सिंह ने सीधे तौर पर कहा कि जो चयन हुआ है ,उस पर प्रदेश प्रभारी को गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए । प्रीतम के अनुसार लिस्ट जारी करने से पहले पूरे प्रदेश में अवलोकन करना चाहिए था। यहां तक कि उत्तरकाशी और चंपावत जिले को तो पूरी तरीके से खाली छोड़ दिया है। इन जिलों से किसी को भी एआईसीसी में जगह नहीं दी गई है। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से लिस्ट को तैयार करने से पहले कुछ सलाह मशवरा तक नहीं किया गया। वे अपनी मनमानी से फैसला लेना चाहते हैं । प्रदेश प्रभारी के रहते यहां कांग्रेस मजबूत नहीं हो पाएगी। प्रीतम सिंह ने सीधे तौर पर कहा कि ऐसे लोगों को एआईसीसी उत्तराखंड में भेज दिया गया है । जिनका कोई उत्तराखंड से लेना देना नहीं है । आपको बता दें उत्तराखंड में गुरदीप सिंह सप्पल को आईसीसी में जगह दी गई है। सूत्रों की माने तो विधायकों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में एआईसीसी की लिस्ट आने के बाद से ही भारी नाराजगी है ।यह भी कहा जा रहा है कि इन लोगों की प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष से मतभेद थे । उन लोगों को एआईसीसी में शामिल किया गया। वहीं कुछ लोगों को शामिल किया गया, जिन पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को जिनमें मदन सिंह बिष्ट , तिलक राज बेहड़, मयुख महर, खुशहाल सिंह अधिकारी, गोपाल राणा, गोविंद सिंह कुंजवाल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ,दिनेश अग्रवाल पूर्व मंत्री ,विजय पाल सिंह सजवाण ,राजकुमार, जीत राम ,सुरेंद्र सिंह नेगी पूर्व मंत्री , जैसे वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई है । जिससे वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी होना लाजमी है। कांग्रेस जिसको एक मजबूत विपक्ष होना चाहिए था । वह आज आपस में अंतरकलह से जूझ रही है । कांग्रेस प्रदेश की जनता का लगातार विश्वास खो रही है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान को यदि यहां कांग्रेस को मजबूत करना होगा तो सबसे पहले अपने संगठन को मजबूत करना होगा। आगामी निकाय ,पंचायत चुनाव ,और अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव नजदीक हैं । ऐसे में उसे अपने संगठन को मजबूत करना होगा। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं वहीं प्रदेश में कांग्रेस को जोड़ने में राहुल के अनुयायी असफल दिखाई दे रहे हैं ।ऐसे में भाजपा भी छुट्टी लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है ।आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस के लोकतंत्र पर तीखे प्रहार किए ।