बद्रीनाथ धाम पर सपा नेता मौर्य के बयान की चौतरफा निंदा, मुख्यमंत्री धामी ने बयान को देश और धर्म विरोधी सोच बताया ।

हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के कथित बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बयान की निंदा करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाठगबंदन के सपा नेता का बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश और धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है। तो वहीं बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को मानसिक दिवालियापन बताया।

गौरतलब है कि सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर बड़ा बयान दिया था जिसमें मौर्य ने कहा कि अगर ज्ञानवापी की पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच कराई जानी चाहिए ,इनमें से अधिकतर मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं यहां तक कि बद्रीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री धामी ने पलटवार करते हुए कहा कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है महक बंधन के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेसी और उसके सहयोगी देश और धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है यह विचार इन दोनों के अंदर SIMI और PFI की विचारधारा को प्रकट करता है।


वहीं बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मौर्य के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह उनकी मानसिक दिवालियापन दर्शाता है। अजेन्द्र ने सपा और कांग्रेस को सनातन धर्म विरोधी बताया। उन्होंने कहा हिंदू और उनके धार्मिक स्थलों पर इस तरह का बयान उनका राजनीतिक एजेंडा का एक हिस्सा है। कांग्रेस को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्योंकि सपा उनकी गठबंधन का एक मजबूत हिस्सा है। अजेन्द्र ने कहा कि बद्रीनाथ धाम अनादिकाल से है इसका ऐतिहासिक प्रमाण है पुराणों एवं शास्त्रों में इसका वर्णन है ,आदि गुरु शंकराचार्य ने इसका जीर्णोद्धार किया।मौर्य का बयान तार्किक नहीं है। चारधाम तीर्थपुरोहित महापंचायत ने बद्रीनाथ धाम को लेकर सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का कड़ा विरोध किया महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश कुमार सेमवाल और महासचिव डॉ बृजेश सती ने मौर्य को नसीहत देते हुए कहा कि पहले अध्ययन करें उसके बाद अपना ज्ञान बांटें । अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश नहीं करें। बद्रीनाथ धाम चार धाम में प्रमुख धाम है। जिसे मोक्ष का धाम भी कहा जाता है यह धाम बौद्ध धर्म के अस्तित्व में आने से पहले विख्यात है । आदि गुरु शंकराचार्य का प्रादुर्भाव पांचवी सदी में हुआ था। उनके द्वारा ही बद्रीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था।