देहरादून 6 अगस्त। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा द्वारा भाजपा और प्रदेश मीडिया प्रभारी पर की गयी अभद्र टिप्पणी की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि इससे एक बार पुनः स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस पार्टी सिद्धांतहीन और विचारविहीन के साथ संस्कारहीन भी है ।
प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने कहा कि सार्वजनिक जीवन मे शब्दों का चयन और पद की गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। माहरा प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है। सार्वजनिक जीवन मे अन्य नेताओं की तरह उनके समर्थक और कई लोग उन्हें फॉलो करते है। ऐसे में इस तरह की अभद्र शब्दावली के प्रयोग का उन पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। मीडिया के दौर में हम सबको ध्यान रखना होगा कि हम समाज को क्या परोस रहे है। लेकिन लगता है यह सभी बातें कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं के लिए बेमानी है । उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी, खड़गे, दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर समेत सैकड़ों बड़े नेताओं के आपत्तिजनक बयानों से सोशल मीडिया भरा पड़ा है । जहां तक माहरा का सवाल है तो जिन अशिष्ठ शब्दों से लेकर उन्होंने दिन में मौन उपवास किया शाम ढलते ही उन्ही शब्दों का प्रयोग उन्होंने भाजपा और मीडिया प्रभारी के लिए किया ।
सुयाल ने कहा कि भाजपा के हर कार्यकर्ता को पार्टी से ऐसे संस्कार मिले हैं कि उनके मुंह से किसी को ठेस लगने वाली बात निकले,यह संभव नही है। राजनीति मे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नही होने चाहिए। यही स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है।
सुयाल ने कहा, कांग्रेस शासित प्रदेशों की महिला अपराध की जिस सच्चाई को हमारे द्वारा सामने लाया गया । वह सिर्फ उनके नेताओं को इस मुद्दे पर आईना दिखाने की कोशिश थी, ऐसे में उनकी प्रतिक्रिया साबित करती है कि उन्हें सच कुछ ज्यादा ही कड़वा लग गया है । कांग्रेस नेताओं को इस सच को स्वीकार करना लेना चाहिए कि प्रदेश की जनता वन्नत्रा प्रकरण एवम अन्य महिला अपराध के मुद्दे पर में अब तक धामी सरकार और न्यायिक कार्यवाही से संतुष्ट है । इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा की जा रही राजनीति में जनता उनके साथ कतई साथ नही है जो उनके कार्यक्रमों में लोगों के नही पहुंचने से स्पष्ट हो रहा है । लिहाजा खीज के चलते उनके नेता कभी गढ़वाल, कभी उत्तराखंड कभी भाजपा और कभी उनपर व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं । लेकिन इस सारे घटनाक्रम से एक बात तो स्पष्ट है कांग्रेस पार्टी और उनके नेता सिद्धांतहीन और विचारविहीन तो हैं ही, साथ संस्कारहीन भी हैं ।