देहरादून । भाजपा ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ अधिवेशन में उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव को राजनैतिक आडंबर बताया है । पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तंज कसते हुए कहा की भाजपा सरकार मे तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी वाजपेयी जी द्वारा प्रदेश को दिए विशेष औद्योगिक राज्य का दर्जा वापिस लेने पर प्रदेश काँग्रेस के जिन नेताओं की जुबान तक नही खुली वो अब विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने के दावा कर रहे हैं ।
महेंद्र भट्ट ने व्यंग किया, ये सभी नेता तो इस अधिवेशन में भी विशेष राज्य वाली तथाकथित सूची में राज्य का नाम शामिल करवाना भूल गए थे। वो तो पूर्वोत्तर के हिमालयी राज्यों के लिए बनाया गया प्रस्ताव देखकर राज्य से गए, लेकिन जब इनके नुमाइंदों को याद आया और अंतिम समय नाम जुड़ गया तो अब श्रेय लेने की होड़ में शामिल हो रहे हैं । उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता सब जानती है और सब याद भी रखती है । सब जानते हैं जब राजनीति से ऊपर उठकर, तत्कालीन सीएम स्व. एनडी तिवारी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री अटल जी ने इस नवोदित राज्य को 2003 में 10 वर्ष के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज देकर अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर दिया था । लेकिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने आते ही राजनीतिक विद्वेष के चलते इस विशेष पैकेज को वापस ले लिया । अफसोस आज अपने अधिवेशन में विशेष राज्य का प्रस्ताव आने का दावा करने वाले इन कांग्रेस नेताओं में से किसी की जुबान तब राज्य के साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ नहीं खुली थी।
भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व तो अब भी विशेष राज्य का दर्जा देने के इस प्रस्ताव में उत्तराखंड का नाम ही भूल गया था । वो तो उत्तराखंड के कांग्रेसियों की नींद सूची देख कर टूटी और बहुत बाद में पूर्वोत्तर के हिमालयी राज्यों के साथ राज्य का नाम औपचारिकता के नाते जोड़ा गया
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट है कि न कांग्रेस आलाकमान की नजरों में उत्तराखंड के प्रति ना सम्मान है और न ही यहां के कांग्रेस नेताओं में राज्य के प्रति गंभीरता है ।