कोलकाता में 31 अक्टूबर से 2 नवंबर 2023 तक होने वाले राष्ट्रीय एकता पर्व में संस्कृति नेगी उत्तराखंड की लोक संस्कृति को गढ़वाली और कुमाऊनी गीतों के लोक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करेगी।
देवभूमि उत्तराखंड के केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी में कक्षा दसवीं में अध्यनरत संस्कृति नेगी का चयन उत्तराखंड से लोक नृत्य के लिए प्रदेश स्तर से हुआ है संस्कृति नेगी कोलकाता होने वाले राष्ट्रीय एकता पर्व में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगी संस्कृति द्वारा जो उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं लोक नृत्य हेतु जिन गीतों का चयन संस्कृति नेगी के द्वारा किया गया उनमें देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत नदी पहाड़ और प्रकृति का और उत्तराखंड का परिधान एवं पहाड़ी महिलाओं के पारंपरिक परिधान और आभूषणों की तुलना प्रकृति और मानव समाज के मध्य तुलना एवं अपार स्नेह का वर्णन किया गया है प्राणियों के प्रति प्रेम के भाव का भी वर्णन व प्रकृति और भगवान को साक्षी मानते हुए मानव के मन के प्रकृति और सौंदर्य की प्रति प्रेम के भाव को भी उद्धृत किया गया है।
उत्तराखंड के वाद्य यंत्र ढोल एवं पांव की पेजवी नाक की नथुली गले की हसूली हाथों की पहुंची एवं पारंपरिक परिधान का वर्णन लोकगीत में समाहित है जिसकी तुलना प्रकृति के साथ भेड़ और बकरी पेड़ और छांव सूरज और चंद आदि की तुलना मानव जगत के प्रति श्रेष्ठ उदाहरण समाहित किए गए हैं
उधर संस्कृति नेगी के पिता डॉक्टर भान सिंह नेगी एवं माता डॉक्टर सुनैना रावत नेगी इस बात से काफी उत्साहित है की उनकी संस्कृति के द्वारा देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति को राष्ट्रीय फलक पर उनकी बिटिया के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा उन्हें अपनी बिटिया संस्कृति और देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति पर गर्व है संस्कृति नेगी उपली रामोली प्रताप नगर टिहरी गढ़वाल की रहने वाली है। संस्कृति नेगी के पिता डाॅ० भान सिंह नेगी जानेमाने समाजसेवी एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और माता डॉक्टर सुनैना रावत नेगी एक शिक्षिका है संस्कृति ने बताया कि उन्हें अपनी लोक संस्कृति से बहुत लगाव और प्यार है उन्हें उनके माता-पिता का आशीर्वाद एवं संस्कार प्राप्त है साथ ही अपने टीचर्स को भी उनकी प्रेरणा से ही उसे यह उपलब्धि हासिल हुई। संस्कृति नेगी कि इस उपलब्धि पर पूरे प्रदेश के साथ उनके गृह जनपद टिहरी गढ़वाल से उन्हें शुभकामनाओं के संदेश प्राप्त हो रहे हैं।