अवैध कब्जों के समर्थन की राजनीति करने वालों को राज्य हित में नजरिया बदलने की जरूरत
देहरादून 9 जनवरी । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हल्द्वानी में हुई हिंसा को दुखद बताते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है । उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे कर माहौल खराब करने की मंशा रखने वालों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध कब्जों के समर्थन की राजनीति करने वालों को भी राज्य हित में अपना नजरिया बदलना चाहिए ।
विभिन्न माध्यमों द्वारा मीडिया से बातचीत में भट्ट ने हल्द्वानी वनभूलपूरा में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए असामाजिक तत्वों का दुस्साहस बताया है । उन्होंने सभी लोगों से अमन चैन बनाने एवं कानून व्यवस्था में सहयोग करने का आग्रह किया है । भट्ट ने कहा कि यह सर्व विदित है कि न्यायालय के निर्देशानुसार ही राज्य में अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। भाजपा सरकार अवैध अतिक्रमण कर, राज्य का माहौल खराब करने वालों को किसी भी तरह से बर्दाश्त करने वाली नही है । वनभुलपुरा में प्रशासन, पुलिस एवं मीडिया टीम पर जिस तरह जानलेवा हमला किया वह बेहद निंदनीय हैं। लिहाजा आरोपी आराजक तत्वों और उन्हें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष समर्थन करने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सवा करोड़ लोगों को भरोसा है कि इस प्रकरण में शामिल अराजक और एक एक अपराधी को धामी सरकार कड़ा सबक सिखाएगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी कोशिश करने का दुस्साहस न कर सके ।
उन्होंने अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही के विरोध की राजनीति करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी की राय पहले से स्पष्ट है कि इस तरह के कब्जे राज्य का माहौल खराब करने और डेमोग्राफी बदलने की साजिश का हिस्सा हैं । विपक्षी पार्टियों ने अपनी वोट बैंक पॉलिटिक्स के चलते इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया और बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की अवैध बसावट को शह दी । लेकिन भाजपा देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने और उसकी पवित्र भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए प्रतिबद्ध है । इसलिए न्यायालय के मार्गदर्शन में कार्यवाही की जा रही है जिसका जनता का सरकार को पूरा पूरा समर्थन है । अब इस घटना के बाद एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि अवैध अतिक्रमण कानून व्यवस्था और जनसांखकीय संतुलन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है । लिहाजा अब समय है कि सभी राजनैतिक दलों को राज्यहितों के संवर्धन और संरक्षण के लिए एकजुट होकर सरकार का सहयोग करना चाहिए।