लंबे समय से बीमार चल रहे प्रेस क्लब ऑफ मसूरी के महामंत्री, वरिष्ठ पत्रकार सतीश कुमार का आकस्मिक निधन होने से पत्रकार जगत में शोक व्याप्त है।
सतीश कुमार के छोटे भाई पत्रकार दीपक कुमार ने बताया की वह पिछले एक वर्ष से अस्वस्थ चल रहे थे वह एक निजी अस्पताल से उनका इलाज चल रहा था। रविवार शाम उनकी तबियत ज़्यादा खराब होने से उन्हें लंढोर कम्युनिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली । वह अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र व पुत्री छोड़ कर चले गए।
स्वर्गीय सतीश कुमार पत्रकारिता के साथ साथ भारतीय जन नाट्य संघ (एप्टा) लगभग तीन दशक से जुड़े रहे व वर्तमान में एप्टा के प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाल रहे थे। उन्होंने राज्य आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई व आंदोलन के दौरान जेल भी गए उनके द्वारा जनगीतो के माध्यम से शहर के समसमायिक मुद्दो के लिए एप्टा के बैनर तले कई जनगीतो का मंचन भी किया।
वही प्रेस क्लब ऑफ मसूरी द्वारा एक शोक सभा अयोजित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर उनके पत्रकारिता जीवन के बारे में भावपूर्ण स्मरण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी गई। क्लब के सभी सदस्यों ने इस दुख की घड़ी में उनके परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। शहर के पत्रकार, सामाजिक, राजनेतिक, संस्कृतिक संगठनों ने स्वर्गीय सतीश कुमार के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संवेधनाए व्यक्त की है।
वहीं राजधानी में भी उनके निधन पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा शोक व्यक्त कर श्रद्धा सुमन अर्पित कियें।
सतीस कुमार पिछले छः माह से ज्यादा अपने हाथ के दो बार के ऑपरेशन व किडनी का इलाज करा रहे थे। वह कई बार इन्द्रेश अस्पताल में भर्ती रहे औऱ लगातार डायलिसस पर थे औऱ आज भी उन्हें डायलिसस हेतु इन्द्रेश अस्पताल जाना था लेकिन सुबह 08-बजे अचानक उन्होंने अन्तिम सांस ली। उनका अन्तिम संस्कार हरिद्वार खड़खडी़ घाट पर किया गया। उनके निधन से परिवार में कोहराम मच गया। वह अपने पीछे पत्नी व एक पुत्र व पुत्री छोड़ गये , उनका पुत्र सार्थक एक माह पूर्व ही रोजगार हेतु दिल्ली गया था आज इस दुःखद सूचना पाकर वह सीधे हरिद्वार घाट पर पहुंचा औऱ अपने पिता को मुखाग्नि दी।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि उन्होंने राज्य प्राप्ति संघर्ष के साथ साथ इप्टा के माध्यम से जनसरोकारों को लेकर अपनी ढपली से संदेश देने कार्य करते रहें। दो दशकों से सतीश कुमार ने जनकवि अतुल शर्मा की रचनाओं को अपनी ढपली के साथ अपनी आवाज से जनता को सुनाये। जनकवि अतुल शर्मा व प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने उनके निधन को बड़ी क्षति बताया । उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं है सतीश का परिवार भी उनमें से एक है अतः सरकार उनके परिजनों की मदद को आगे आये।
उन्हें निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में जगमोहन सिंह नेगी , जनकवि अतुल शर्मा , रामलाल खंडूड़ी , वरिष्ठ पत्रकार और राज्य आंदोलनकारी गिरिराज उनियाल,भण्डारी , प्रदीप कुकरेती , जयदीप सकलानी , राकेश नौटियाल , राजेश पान्थरी , बीर सिंह रावत , सतेन्द्र नौगाँई , विनोद असवाल , प्रेम सिंह नेगी , सुमित थापा , सुलोचना भट्ट , पुष्पलता सिलमाना , राधा तिवारी , सुलोचना गुसांई अरुणा थपलियाल , मोहन सिंह रावत , प्रभात डण्डरियाल , सुशील चमोली व अनूप कुमार आदि थे