महापौर के लिए सीट एक दावेदार अनेक , पार्टी में मंथन तेज

देहरादून –  जहां एक ओर प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने से लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रदेश में दुसरी ओर निकाय चुनाव की हलचल को लेकर राजनीतिक तापमान भी बढ़ने लगा है। लंबेेे इंतजार के बाद आखिरकार सरकार निकाय चुनाव को लेकर आगे बढ़ गई है।  हालांकि अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है । सूत्रों की माने तो  15 जनवरी  से 25  जनवरी के  बीच  कभी भी  चुनाव की तिथि आ  सकती है।  इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी चुनाव को लेकर कमर कस ली है।  भाजपा और कांग्रेस में महापौर के दावेदारों की संख्या अधिक है । बात करें भाजपा की तो इस हॉट सीट के लिए कई दावेदार होनेे से पार्टी स्तर‌ में मंथन तेज हो गया है। सभी दावेदार टिकट के लिए पार्टी में प्रदेश से लेकर दिल्ली दौड़ लगा रहे हैं। अपने -अपने आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं।

दावेदारों की बात करें तो निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल ‘गामा’, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाशसूमन ध्यानी, सौरभ थपलियाल, पुनित मितल , अनिल गोयल, अमित कपूर, रविन्द्र जुगराण, ऋषिराज डबराल,  धीरेंद्र पंवार कमली भट्ट, विशाल गुप्ता,  नेहा जोशी के अलावा भी कई नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। ऐसे में पार्टी हर पहलू पर विचार कर रही है। सभी समीकरण को ध्यान में रखकर किसी एक को चुनाव में उतारेगी। मुख्य दावेदार की बात करें तो निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल ‘गामा’ सबसे मजबूत दावेदार हैं  जिनके पिछले पांच साल के कार्यकाल में  उनके द्वारा की गई  उपलब्धियों और लोक लोकप्रियता को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है । स्वच्छ दून, सुंदर दून   पर जो उन्होंने काम किया। पहले जो शहर में जगह -जगह कूड़े के ढेर दिखाई देते थे ,उसमें शहर वासियों को काफी हद तक निजात मिली  । घर -घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था की गई ।  पूरे देश में स्वच्छता रैंक में बड़ा सुधार हुआ । पूरे देश में देहरादून शहर जो पहले स्वच्छता के मामले में चार सौवें पायदान पर था  जो आज  63वें स्थान पर है ।  भारत सरकार शहरी विकास मंत्रालय ने भी इस उपलब्धि पर महापौर गामा की पीठ थपथपाई। स्वच्छ दून, सुंदर दून के लिए  विभिन्न स्कूल-कॉलेजों , सामाजिक संगठनों और‌ हर वार्ड में जाकर स्वच्छता कर्मियों  एवं स्थानीय लोगों के साथ खुद  जाकर   स्वच्छता अभियान चलाया।  और इसके प्रति दूनवासियों को जागरूक किया । नशेड़ियों का अड्डा बन चुके गांधी पार्क में ओपन जिम खोलकर उसका सौन्दर्यकरण की बात हो या फिर घंटाघर के सौंदर्यीकरण विभिन्न पार्कों, सामुदायिक भवन , चालिस  नये वार्ड जो राजधानी में होकर भी वहां के लोग अंधकार में रह रहे थे , वहां 65 हजार एल ई डी बल्ब के साथ 6हजार बिजली के पोल लगाकर इन क्षेत्रों के अंधकार को दूर किया। प्रत्येक वार्डों में इन पिछले पांच सालों में करोड़ों रुपए की लागत से  नाली, सड़क बनाने के अलावा खस्ताहाल स्कूल भवन का नव‌निर्माण हुआ। इसके अलावा  हाऊस टैक्स वसूली कर निगम में ऐतिहासिक कार्य हुआ । जो निगम पहले अधिकतम 17करोड़ ही हाऊस टैक्स वसूलता था आज 70करोड़  हाऊस टैक्स वसूल कर रहा है ।  जिस पैसे से निगम में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं ।  निवर्तमान महापौर गामा की उपलब्धियों के साथ आम जनता की समस्यायों का समाधान कर अपनी लोकप्रियता बढ़ाई।  पार्टी के कार्यक्रम के साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों में  बढ़-चढ़कर भाग लेते दिखाई देते हैं।  पिछले पांच साल का अनुभव और हर वार्ड का भौगोलिक ज्ञान‌ रखते हैं । हर तबके में अपनी पैठ मजबूत की । अपने सरल स्वभाव से लोगों का दिल जीता यह’ गामा’ की बहुत बड़ी ताकत है ऐसे में उनको पार्टी नजरंदाज नहीं कर सकती ।

सिद्धार्थ अग्रवाल की बात करें तो व्यवहारिक हैं संगठन में कम समय में मजबूत पकड़ बनाई जो उनकी ताकत है लेकिन जनता के बीच में अभी तक अपनी पकड़ नहीं बना पाई जो उनकी कमजोरी को दर्शाता है।

बात करें प्रकाशसूमन ध्यानी की तो पार्टी के बहुत बरिष्ठ नेता हैं।  पार्टी के बुद्धिजीवी और अनुभवी‌ नेता कहे जाते हैं। जनसंघ के समय से पार्टी के लिए समर्पित हैं । मधुर,मिलनसार और प्रखर प्रवक्ता और राजनीतिक सुचिता पर विश्वास रखते हैं जो उनकी ताकत है लेकिन पिछले दस वर्षों से राजनीति में उनकी सक्रियता कम रही।

बात करें  सौरभ थपलियाल की युवा चेहरा , डीएवी कॉलेज में छात्र संघ के महासचिव और अध्यक्ष के साथ भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष के साथ पार्टी में विभिन्न जिम्मेदारी निभा चुके हैं । सौम्य व्यवहार, युवाओं में अच्छी लोकप्रियता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और संघ में लम्बे समय से सक्रिय भागदारी रहती है । उनकी दावेदारी भी मजबूत करती है ।  इसके अलावा और दावेदार भी पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। अब देखना यह है कि पार्टी किस पर दांव खेलती है।