संतुलित और समावेशी बजट भाजपा, विपक्षी बोले आंकड़ों का मकड़जाल

देहरादून_बजट को लेकर अब राजनीतिक प्रतिक्रिया आने लगी हैं जहां भाजपा धोनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए इसे हर वर्ग को ध्यान में रखकर समावेशी एवं संतुलित बजट बता रही है वहीं विपक्ष इस बजट को आंकड़ों का मकड़जाल, और हवा हवाई बता रही है।
भाजपा ने धामी सरकार द्वारा पेश बजट को समावेशी विकास और अंतिम छोर के व्यक्ति को छूने वाला युवाओं का बजट बताया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सीएम का आभार जताते हुए कहा कि जिस तरह से स्वरोजगार, पर्यटन, खेती किसानी और महिला हितो के लिए बजट मे प्रावधान किया है उससे निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि बजट राज्य को आत्म निर्भर और आगामी दशक के सर्वश्रेष्ठ राज्य की ओर अग्रसर है। अनुसूचित जनजाति के छात्रों को फ्री किताबें, आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के मानदेय मे वृद्धि, पिछड़ी छात्राओं के छात्रवृत्ति मे वृद्धि, बालिका साइकिल योजना, लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार, एनसीसी कैडेट के भत्ते मे वृद्धि तथा मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन सहित जिस तरह स्वरोजगार के लिए हजारों करोड़ का प्रावधान किया गया है उससे स्पष्ट है कि यह बजट रोजगार मुहैया कराने वाला युवाओं का बजट है।
भट्ट ने जोशीमठ प्रभावितो के लिए 1 हजार करोड़ के प्रावधान पर संतोष जताया और कहा कि प्रभावितों के लिए सरकार कोई कसर नही छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि बजट मे सभी क्षेत्रों को बेहतर ढंग स्थान दिया गया है जिससे राज्य आर्थिक रूप से प्रगति की ओर अग्रसर होगा।

तो वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे निराशाजनक बजट बताया। कांग्रेस के प्रवक्ता मथुरा प्रसाद जोशी ने इस बजट को बेहद निराशाजनक करार देते हुए कहा कि यह बजट आंकड़ों का मकड़जाल है इसमें बेरोजगारों के लिए कुछ खास नहीं है और ना ही इसमें मातृशक्ति के लिए कुछ खास है जोशी ने बजट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जोशीमठ के निवासी खतरे की जद में है उन्हें वहां से विस्थापन करने के लिए करीब 25 सौ करोड़ रुपए की आवश्यकता है सरकार ने 1000 करोड़ पर उनके विस्थापन के लिए बजट में रखा है जो ऊंट के मुंह में जीरा जैसे बात है।

बजट को उत्तराखंड क्रांति दल के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने बजट को हवा- हवाई करा देते हुए कहा कि घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने ।वाली कहावत को यह बजट चरितार्थ कर रहा है। पलायन, रोजगार, गैरसैण के विकास आदि के लिए बजट में कोई खास प्रावधान नहीं है। कैग की रिपोर्ट ने भ्रष्टाचार की पोटली खोल दी है। इस बजट में भाजपा सरकार ने अपने खास लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार किया है। इसके सिवा इस बजट में कुछ खास नहीं दिखाई दे रहा है। यह बजट पूरी तरह जनविरोधी और राज्य विरोधी है।