मसूरी:- उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री सुभाष बड़थ्वाल ने पद ग्रहण करने के बाद पहली बार मसूरी आकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन में शहीद हुए मसूरी के आंदोलनकारियों को शहीद स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंनें कहा कि धामी सरकार राज्य के विकास को आंदोलनकारियों सपनों के अनुरूप आगे बढ़ रही है। इस मौके पर आयोजित सभा में कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी व उनकी समस्याओं का निराकरण किया जायेगा।
उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल ने मसूरी पहुंच कर मसूरी के शहीदों के चित्रों व प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच मसूरी के अध्यक्ष देवी गोदियाल ने उनका स्वागत माला पहनाकर व अंगवस्त्र भेंट कर किया। इस मौके पर उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन दिया जिसमें मांग की गई है कि राज्य आंदोलन के चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाय ताकि छूटे आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण हो सके, चिन्हित आंदोलकारियों को पेंशन पटटा दिया जाय व पेंशन बीस हजार की जाय, राज्य सरकार द्वारा घोषित 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के अनुसार सरकारी सेवाओं में नियुक्तियां प्रदान की जाय एवं न्यायालय में संदर्भित रिट एवं वादों की पुरजोर पैरवी कर समस्त वादों का शीघ्र निस्तारण किया जाय। इस मौके पर सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल ने कहा कि वह पूरे प्रदेश में राज्य निर्माण करने वाले आंदोलनकारियों से मिलेगें व उनकी समस्यायें सुन कर मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। वहीं मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आंदोलनकारियों की समस्याओं का समाधान किया जाय। उन्होंने कहाकि चिन्हीकरण में जो छूट गये है उसको शुरू करने का प्रयास किया जायेगा लेकिन उसमें तकनीकि अवरोध आ रहे है, मानकों का विषय है लेकिन प्रयास किया जायेगा कि उसमें शिथिलता लायी जाय। वही क्षैतिज आरक्षण में जो अवरोध आ रहा है उसे नया शासनादेश लगाकर हटाने का प्रयास किया जायेगा वहीं उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों की पेंशन निश्चित रूप से हर हाल में बढाई जायेगी। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी स्वयं राज्य आंदोलनकारी हैं और आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश को आगे बढ़ा रहे हैं। और आंदोलनकारियों की मांगों पर गंभीर हैं ।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि आंदोलनकारियों व सरकार के बीच सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष पुल का कार्य करेंगे व आंदोलनकारियों की समस्याओं का समाधान होगा, चिन्हिकरण शुरू किया जायेगा, क्षैतिज आरक्षण के आ रहे अवरोध को समाप्त किया जायेगा व पेशंन बढाने के लिए भी पूरा प्रयास किया जायेगा। सरकार व जिलाधिकारी का इसमें रूख सकारात्मक है। इस मौके पर मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष मसूरी आये हैं, उन्हें ज्ञापन दिया है जिसमें चिन्हीकरण, पेंशन व क्षैतिज आरक्षण की समस्या को रखा गया है व उम्मीद है कि शीघ्र समस्याओं का समाधान होगा। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने राज्य आंदोलन से जुडे संस्मरण सुनाये व कहा कि आज भी आंदोलनकारी समस्याओं के लिए सड़कों पर है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को प्राथमिकता से समस्याओं का समाधान करना चाहिए, जबकि खुद मुख्यमंत्री की घोषणा है। कार्यक्रम का संचालन अनिल गोदियाल ने किया, इस मौके पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी विजय रमोला, गिरिराज उनियाल,भाजपा मसूरी मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, मंच के महामंत्री पूरण जुयाल, असलम खान, भगवान सिंह धनाई, जबर सिंह बर्तवाल ,प्रदीप भंडारी, बिजेद्र पुंडीर, शूरवीर भंडारी, धनेंद्र पुंडीर, गंभीर पंवार , कुशाल सिंह राणा, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, श्रीपति कंडारी, राजेंद्र कंडारी, बीना गुनसोला, ममता रावत, राजेश्वरी नेगी, पुष्पा पडियार, नरेंद्र पडियार, सुनील रतूड़ी, विजेंद्र भंडारी,सहित राज्य आंदोलकारी मौजूद रहे।