राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी की द्वितीय पुण्यतिथि पर विभिन्न संगठनों ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि, महापौर ने उनके नाम पर स्मृति द्वार का किया शिलान्यास

 

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी स्व० सुशीला बलूनी को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उनकी द्वितीय पुण्यतिथि पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं, विभिन्न सामाजिक संगठन एवं दलों से जुड़े लोगों ने  कचहरी परिसर के शहीद स्मारक हाल में उनके  चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर  उनके योगदान को याद किया।

इस अवसर पर देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल ने उनके नाम से एक स्मृति द्वारका शिलान्यास किया। पिछले नगर निगम के बोर्ड में पूर्व महापौर सुनील उनियाल ‘गामा’ने सुशीला बलूनी के नाम से स्मृति द्वार,  मार्ग एवं उनकी प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव रखा था जिसे बोर्ड ने ध्वनिमत से पारित किया था। आज  महापौर सौरभ थपलियाल ने राजपुर रोड पर स्वर्गीय बलूनी के नाम से स्मृति द्वार का शिलान्यास किया।  इस अवसर पर महापौर थपलियाल ने  उनसे जुड़े कुछ पलों को  याद किया। साथ ही  उनकी प्रतिमा लगाने की बात कही। महापौर ने कहा कि राज्य निर्माण में उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता।

 

पूर्व महापौर सुनील उनियाल ‘गामा ने श्रीमती बलूनी के साथ के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा राज्य हित और यहां के युवाओं के रोजगार, पहाड़ के विकास को लेकर चिंतित रहती थी । राज्य के मुद्दों को लेकर श्रीमती सुशीला बलूनी अपनी सरकार को घेर लेती थी। यह उनका राज्य के प्रति  गहरा लगाव था ।  मंच के प्रदेश प्रवक्ता और जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि पूर्व व वर्तमान मेयर से स्वर्गीय बलूनी के स्मृति द्वार कें साथ मूर्ति की मांग की थी। जिसे पूर्व बोर्ड ने‌ उनके प्रस्ताव को पारित किया था आज महापौर सौरभ थपलियाल ने उसकी आधारशिला रखी

 

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने उनके साथ किये संघर्ष को याद करते हुये कहा कि 1985 से 1923 तक लगातार समाज कें कार्यों से जुड़ी रही। भले ही हुक्मरानों से उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिसकी वह हकदार थी । लेकिन जनता का स्नेह और सम्मान उन्हें मिलता रहा। वह प्रदेश की राजमाता हैं इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है

 

आंदोलनकारी कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल ने कहा कि राज्य निर्माण में अग्रणीय भूमिका निभाने वाली सुशीला बलूनी जी के सपनों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। साथ ही बड़थ्वाल ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को पूरा करने के लिए भरपूर कोशिश करेंगे।
जगमोहन सिंह नेगी व  रामलाल खंडूरी ने सरकार से मांग की हैं कि उनके नाम से प्रतिवर्ष पुरुस्कार दिया जाय ,
राजपुर विधायक खजान दास के साथ अशोक वर्मा ने कहा कि सुशीला बलूनी कें योगदान को नहीं भुलाया जा सकता वह बहुत विनम्र स्वभाव की धनी थी। आज विधायक द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर शहीद स्मारक परिसर मॆं पहाड़ी शैली में एक सेड बनाने की मांग की थी जो आज उन्होंने पूरी की।
उन्होंने  दस लाख रुपये जारी करने की बात कहीं इस औऱ सभी ने विधायक का धन्यवाद किया।
आज श्रद्धांजलि सभा मॆं सुशीला बलूनी( ताई ) जी के परिजन बड़े पुत्र विनय बलूनी , संजय बलूनी , विजय बलूनी , पुत्री शशी बहुगुणा व बहू मधु बलूनी  , केशव उनियाल , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , देहरादून बार एसोशिएशन कें अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल , गणेश डंगवाल , पूरण सिंह लिंग्वाल , मनोज नौटियाल , संयुक्त नागरिक संगठन से डा॰ मुकुल शर्मा , शैर सिंह ठाकुर , विनोद नौटियाल , डा॰ तारा चन्द गुप्ता , अवधेश शर्मा , ठाकुर सुरेश नेगी , संतन सिंह रावत , जगमोहन मेहन्दीरत्ता , एस पी चौहान , उक्रांद के शान्ति भट्ट , पूर्व पार्षद राजकुमार कक्कड़ ,  गिरिराज उनियाल, सुभाष शर्मा  सुनील ध्यानी, हरी सिंह , आशीष गौड़ , सुरेश कुमार , रविन्द्र सोलंकी , कलम सिंह गुसांई , मोहन खत्री , प्रमोद पंत , प्रभात डंडरियाल , मोहम्मद शाहिद , पुष्पलता सिलमाना , सुलोचना भट्ट , राधा तिवारी , सुभागा फर्स्वाण , विजयलक्ष्मी गुसांई , सरोजनी नौटियाल , कल्पेश्वरी नेगी , राजेश्वरी परमार , सुशीला चन्दोला , देवेश्वरी नेगी , अरुणा थपलियाल , संगीता रावत , रामेश्वरी कण्डवाल , राजेश्वरी सुन्दरियाल , पुष्पा रावत , साबी नेगी , तारा पाण्डे आदि रहे

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