देहरादून महापौर सुनील उनियाल’ गामा ‘की लोकप्रियता से विरोधी पस्त

देहरादून _राजनीतिक व्यक्ति को आलोचना ,सफलता और असफलता की परवाह किए बगैर सिद्धांत तय कर उन पर चलना पड़ता है। जनता की उम्मीदें अधिक होती हैं। लोकतंत्र में अधिकार भी कम होते हैं, इतिहास बनाने के लिए कुछ मापदंड हैं मजबूत इच्छाशक्ति,सिद्धांतों पर चलना हानि- लाभ की परवाह न करना, अपने सिद्धांतों के प्रति संकल्पबद्ध होना ,सिद्धांतों के साथ अपने सहयोगी को जोड़ना और उनके साथ मिलकर लक्ष्य प्राप्त करना। कठिनाइयों से बिना घबराए आगे बढ़ जाना एक सफल राजनीतिक व्यक्ति दिखाई देता है।

3 दिसंबर 2018 को पहाड़ी टोपी पहने सुनील उनियाल गामा ने जब देहरादून महापौर की शपथ ली थी तब उनके सामने चुनौतियों का अंबार था संगठन में भले ही उन्हें काम का अनुभव था। लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में उनके अनुभव को लेकर कई लोग सवाल उठा रहे थे। लेकिन अपनी कार्यकुशलता के बदौलत उन्होंने देहरादून के विकास में कई उल्लेखनीय काम किए । अपने 4 साल तीन माह के कार्यकाल में देहरादून नगर निगम में जनहित में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अपने संकल्प पत्र को मध्य नजर रखते हुए उन्होंने स्वच्छ दून ,सुंदर दून पर काम शुरू किया। देश के इतिहास में कौन भूल सकता है उस 5 नवंबर 2019 कि मानव श्रृंखला को, जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और महापौर सुनील उनियाल गामा के नेतृत्व में इस ऐतिहासिक 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला का एक रिकॉर्ड बनाया । एक मैसेज दिया कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे यह कितना खतरनाक है। स्वच्छता को लेकर उन्होंने नए 40 वार्डों में डोर टू डोर कूड़े का उठान शुरू किया। पहले शहर में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा रहता था ।जगह जगह पॉलिथीन इधर-उधर बिखरी रहती थी उससे दून वासियों को निजात दिलाई ।सफाई कर्मचारियों की कमी को देखते हुए नए लोगों की भर्ती की जिन्हें ‘पर्यावरण मित्र’ के नाम से जाना जाता है ।

देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में जहां 2019 में देहरादून देश के शहरों में 384 नंबर पर था । आज 2022 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून ने महापौर सुनील उनियाल गामा के नेतृत्व में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया ।आज देहरादून का स्वच्छता सर्वे में देश के79 नंबर पर पहुंच गया। इतनी बड़ी छलांग किसी भी शहर ने अभी तक ने लगाई। स्वच्छता को लेकर महापौर कितना गंभीर है इसके लिए उन्होंने तीन दिन शुक्रवार ,शनिवार और रविवार को स्वच्छ वार्ड व सुंदर वार्ड’ के तहत खुद पर्यावरण मित्र और स्थानीय लोगों के साथ सफाई अभियान चला रखा है ।जिसकी सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं ।उनके स्वच्छता के कार्यों को देखते हुए देहरादून के महापौर को जर्मनी की इकली काउंसिल में कार्यकारी परिषद में विशेष सलाहकार मनोनीत किया है।जो देश और देहरादून के लिए गौरव की बात है। इस काउंसलिं में दो और‌
शिमला की महापौर सत्या कुंडल और दक्षिणी दिल्ली के महापौर यासमीन किदवई को भी विशेष सलाहकार बनाया गया है। इकली काउंसिल कई देशों में कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करती है। गामा ने सधे कदम सशक्त चुनौतियों को पार करते हुए देहरादून नगर निगम में जो हाउस टैक्स पहले जमा होता था अपनी कार्यकुशलता के बदौलत उसे दोगुना कर यह साबित कर दिया कि वह एक कुशल प्रशासक हैं। हर गरीब की बात को गंभीरता से सुनना उनकी समस्याओं को निजात दिलाना, रैन बसेरा की हालत को सुधारना ,गांधी पार्क में ओपन जिम, घंटाघर के सौंदर्यीकरण ,पलटन बाजार का चौड़ीकरण, मिनी झील का सौंदर्य करण ,के साथ सड़क- नाली का निर्माण कराना देहरादून के सभी वार्डों में एलईडी बल्ब लगाकर अंधकार को दूर किया। करोना काल में एक जिम्मेदार अभिभावक के रूप में काम किया। कई व्यवसाई केंद्र जो हाउस टैक्स नहीं देते थे उनसे वसूली का नगर निगम की आय को बढ़ाया। उनके द्वारा इस तरह की कई उल्लेखनीय कार्य आज उनकी झोली में है धरातल पर दिखाई दे रहे हैं।

उनकी लोकप्रियता को देखते हुए कुछ लोग उनकी छवि को खराब करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। महापौर के बढ़ते प्रभाव से उनके राजनीतिक विरोधी उनके खिलाफ साजिश रचने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन जनता में उनकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है।

3 thoughts on “देहरादून महापौर सुनील उनियाल’ गामा ‘की लोकप्रियता से विरोधी पस्त

  1. मेयर सुनील उनियाल गामा जी जिन्दाबाद आप बहुत सुन्दर कार्य कर रहे हैं कुछ लोग आप की महानतम को देखते हुए परेसान हें आप अपना काम करते रहिये बस बाकी उप्पर वाले छोड दो

  2. The Best Mayor Dehradun people can have
    He has been working hard for the society n betterment for Dehradun city in cleanness n other aspects.
    All support to Gama ji🙏🏻..!!

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