नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। आबकारी नीति घोटाला से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के खिलाफ निचली अदालत जाने की अनुमति है, लेकिन केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है।
गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत
भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की टीम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 26 जून को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।
25 जुलाई को आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 8 अगस्त तक बढ़ा दिया था। वर्तमान में वे सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
ईडी मामले में अंतरिम जमानत
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता भी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।
CBI का अंतिम आरोपपत्र
हाल ही में आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच शुरू करने के 712 दिनों बाद, सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पांच अन्य के खिलाफ 200 पन्नों का व्यापक आरोपपत्र दाखिल किया। सीबीआई ने मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और केजरीवाल को पार्टी के संरक्षक और व्यक्तिगत तौर पर आरोपित बनाया है।
सीबीआई के इस अंतिम आरोपपत्र में केजरीवाल के अलावा, आम आदमी पार्टी के राजेंद्र नगर से विधायक दुर्गेश पाठक, अरबिंदो फार्मा के गैर-कार्यकारी निदेशक सरथ रेड्डी, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, उद्यमी आशीष माथुर और हवाला ऑपरेटर विनोद चौहान के खिलाफ बिना उन्हें गिरफ्तार किए आरोप लगाए गए हैं।
वकीलों का तर्क
अरविंद केजरीवाल की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस प्रक्रिया में शामिल 50 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए, क्योंकि 15 लोगों ने भी फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल को जेल में रखने के उद्देश्य से ही यह गिरफ्तारी की गई थी।
सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस नीना बंसल कृष्ण ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी घोटाले का सूत्रधार बताया था।