शाहजहांपुर। एनआरआई सुखजीत सिंह हत्याकांड में मृतक की पत्नी रमनदीप कौर को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि प्रेमी मिट्ठू को उम्रकैद हुई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने पांच अक्तूबर को दोनों को दोषी करार दिया था। शनिवार को दोनों दोषियों को सजा सुनाई गई। बंडा के बसंतापुर के मूल निवासी सुखजीत इंग्लैंड के डर्बिशायर में रहते थे। उनकी मां वंश कौर गांव बसंतापुर में फार्म हाउस पर रहकर खेती की देखभाल करती थीं। सुखजीत की पंजाब के कपूरथला की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर के मूल निवासी और दुबई में रहने वाले मिट्ठू सिंह से दोस्ती थी।
मिट्ठू अक्सर इंग्लैड और सुखजीत दुबई जाकर एक-दूसरे के यहां रुकते थे। इस दौरान मिट्ठू और सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर में प्रेम प्रसंग हो गया। 28 जुलाई, 2016 को सुखजीत पत्नी, बच्चों और अपने दोस्त मिट्ठू के साथ भारत आए थे। देश में कई जगह घूमने के बाद वह 15 अगस्त को फार्म हाउस पर बसंतापुर पहुंचे। एक सितंबर की रात सुखजीत की गला काटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने मिट्ठू सिंह और रमनदीप कौर को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया था। पुलिस के अनुसार प्रेम संबंध के चलते रमनदीप कौर ने प्रेमी मिट्ठू सिंह के साथ मिलकर सुखजीत की हत्या की थी। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि बंडा पुलिस ने रमनदीप और मिट्ठू के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में भेजा था। मुकदमा चलने के दौरान 16 गवाह अदालत में पेश किए गए। बृहस्पतिवार को अदालत ने गवाहों के बयान और सरकारी वकील के तर्कों को सुनने के बाद रमनदीप और मिट्ठू को दोषी माना। शनिवार को रमनदीप कौर को फांसी की सजा और उसके प्रेमी मिट्ठू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।