भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी और 1993 के मुंबई बम धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम की पाकिस्तान में मौत होने की खबरें आ रही हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दाऊद इब्राहिम की जहर से मौत हुई है। बता दें कि 1993 के मुंबई बम धमाकों में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए थे। इसके बाद ही उसे भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी घोषित किया गया था। तब से उसने पाकिस्तान में शरण ले रखी थी। भारत ने कई बार इसके सबूत भी पेश किए। हालांकि पाकिस्तान लगातार उसकी देश में मौजूदगी से इनकार करता रहा।
पुलिस कॉन्सटेबल का बेटा बना अंडरवर्ल्ड डॉन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दाऊद इब्राहिम का जन्म 26 दिसंबर 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के एक गांव में कोंकणी मुस्लिम परिवार में हुआ था। दाऊद का पूरा नाम दाऊद इब्राहिम कासकर है। दाऊद का पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में हेड कॉन्सटेबल था। दाऊद का बचपन मुंबई के डोंगरी इलाके में बीता। यह इलाका सेंट्रल मुंबई का मुस्लिम बहुल इलाका है और बाद में यही इलाका दाऊद इब्राहिम की गैरकानूनी गतिविधियों का केंद्र बना।
दाऊद ने कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और जल्द ही वह गुंडागर्दी करने लगा था। इसी दौरान वह उस वक्त के मुंबई के डॉन हाजी मस्तान के गैंग के संपर्क में आ गया। 1970 में दाऊद ने अपने भाई शाबिर इब्राहिम कासकर के साथ मिलकर डी कंपनी बनाई। आज यही डी कंपनी अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी, हथियारों की तस्करी जैसे संगठित अपराध का केंद्र है। दाऊद ने महजबीन शेख उर्फ जुबीना जरीन से शादी की और दोनों के तीन बच्चे हैं। हालांकि दोनों की शादी को लेकर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। साल 2006 में दाऊद की बेटी माहरुख इब्राहिम की शादी पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद मियांदाद से हुई थी।
डी कंपनी से संगठित अपराध का बनाया बड़ा नेटवर्क
डी कंपनी ने दाऊद ने अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को शामिल किया और तस्करी करने लगा। जल्द ही दाऊद ने अपराध का एक बड़ा नेटवर्क बना लिया, जिसमें ड्रग तस्करी, विवादित जमीन कब्जाना और निर्माण कार्य, हवाला कारोबार और विवादित बिजनेस डील में मध्यस्थता जैसे काम शामिल थे। इस दौरान दाऊद ने क्रिकेट में सट्टेबाजी को भी बढ़ावा दिया और फिल्मों की फाइनेंसिंग भी की। साल 1986 में दाऊद ने अपना बेस मुंबई से शिफ्ट करके दुबई में बना लिया, जिसके बाद दाऊद की डी कंपनी हथियार तस्करी, ड्रग तस्करी आदि गैरकानूनी धंधों को बड़े पैमाने पर करने लगी। इसी दौरान साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना हुई, जिससे देश में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए। मुंबई में भी दंगे हुए।
1993 बम धमाकों के बाद बना भारत का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर
एस हुसैन जैदी की किताब ‘ब्लैक फ्राइडे’ के अनुसार, इन दंगों के बाद दाऊद पर दंगे का बदला लेने का दबाव डाला जाने लगा। दाऊद के करीबी भी चाहते थे बदला लेने के लिए कुछ बड़ा किया जाए। इसके बाद ही दाऊद इब्राहिम ने मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश रची। साजिश के तहत साल 1993 में मुंबई में कई जगह धमाके हुए, जिनमें 257 लोग मारे गए। इन धमाकों ने दाऊद को भारत का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर बना दिया और फिर दाऊद कभी भारत नहीं लौटा। दाऊद इसके बाद पाकिस्तान के कराची शिफ्ट हो गया।
2008 के मुंबई हमले में भी था शामिल
पाकिस्तान में दाऊद के वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा से करीबी संबंध बन गए। कई खुफिया सूचनाओं से पता चला कि साल 2008 में जब आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया, उस वक्त दाऊद की डी कंपनी ने ही आतंकियों की ट्रेनिंग, उन्हें समुद्री रास्ते से मुंबई भेजने का इंतजाम किया था। बता दें कि मुंबई हमले में 173 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिकी सरकार का दावा है कि डी कंपनी के ओसामा बिन लादेन और अल कायदा से भी संबंध थे। इसके बाद दाऊद इब्राहिम को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया गया और विभिन्न देशों में उससे संबंधित संपत्तियों को जब्त किया गया।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दाऊद इब्राहिम दुनिया के सर्वकालिक सबसे खतरनाक गैंगस्टर्स में शामिल है और साल 2015 में उसकी संपत्ति 6.7 अरब डॉलर आंकी गई थी। इस मामले में दाऊद से आगे सिर्फ पाब्लो एस्कोबार का ही नाम है, जिसके पास 9 अरब डॉलर की संपत्ति थी।