विचार एक नई सोच संस्था ने लगाया उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव कफनौल में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर
445 मरीजों का किया उपचार
प्रेम पंचोली
देहरादून। उत्तराखंड के जाने-माने फिजीशियन डॉ एसडी जोशी का चलो गांव की ओर अभियान जारी है। बीते दिनों सीमान्त जनपद उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव कफनौल में ‘विचार एक नई सोच’ के माध्यम से एक दिवसीय निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है। गांव में पंहुचे वरिष्ठ फिजिशियन डा० शंकरदत्त जोशी ने अपनी ओपीडी प्रातः आरम्भ कर दी थी। इस तरह दोपहर बाद तक 445 मरीजो का उपचार किया गया है।
बता दें कि लगभग 3000 की जनसंख्या वाले इस दूरस्थ गांव में अधिकांश महिलाएं अस्वस्थ थी जिनमें से आधा दर्जन महिलाओं को उनके तीमारदार पीठ पर शिविर में पंहुचा रहे हे थे। शिविर में वरिष्ठ फिजिशियन डा० शंकरदत्त जोशी, महिला रोग विशेषज्ञ डा० अंजली नौटियाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा० केआर सोन, नेत्ररोग विशेषज्ञ डा० चिराग बहुगुणा ने मरीजो का निशुल्क उपचार किया है। जबकि ग्राम सभा कफनौल की ओर से ‘ग्राम आइकॉन’ नाम से सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया है। इस दौरान गांव के दो वयोवृद्ध अमर सिंह कफोला, शिक्षक अत्तरसिंह पंवार को ग्राम सभा द्वारा सम्मानित किया गया है।
इधर गांव में पंहुची चिकित्सको की टीम को ग्राम पंचायत की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया है। गांव में पंहुचे विचार एक नई सोच की सम्पूर्ण टीम का स्वागत पत्रकार प्रेम पंचोली, समाजसेवी जवाहर सिंह चौहान ने भव्य स्वागत किया है। विचार एक नई सोच के संस्थापक राकेश बिजल्वाण ने इस दौरान ग्रामीणो को संबोधित करते हुए कहा कि वे वर्षभर में लगभग एक दर्जन स्वास्थ्य शिविर का आयोजन ऐसे दूरस्थ गांव में करते है। जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का बड़ा अभाव रहता है। उन्होने कहा कि वे सिर्फ शिविर का आयोजन नहीं करते बल्कि शिविर में ईसीजी सहित दवाईयों का वितरण भी करते है। यह सभी कार्य ग्रामीणों को निशुल्क उपलब्ध करवाये जाते है।
उल्लेखनीय हो कि इस दौरान जिस तरह से गांव के लोग उपचार के लिए शिविर में पंहुच रहे थे उससे यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि गांव में आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं का बड़ा अभाव है। शिविर में पंहचे तीमारदारो ने सभी चिकित्सको और विचार एक नई सोच संस्था का आभार व्यक्त किया है। दरअसल यह आयोजन वरिष्ठ फिजिशियन डा० शंकरदत्त जोशी के अभियान ‘चलो गांव की ओर’ सीरीज का एक भाग है, जो अगले माह किसी और गांव में आयोजित होगा। अर्थात दो साल में चले अभियान के इस सीरीज का यह 30वां भाग है।