नई दिल्ली। क्या आप जानते है मोबाइल को सोते समय पास रखना आपके स्वास्थ्य को बिगाडऩे का काम कर रहा है। यदि आप थके हुए और बुरे मूड में जागते हैं, तो इसके पीछे की वजह भी आपका स्मार्टफोन ही होता है। आपने सुना होगा कि सोने से ठीक पहले ब्लू-लाइट स्क्रीन का इस्तेमाल करने से आपकी नींद खराब हो सकती है। लेकिन इसमें और भी बहुत कुछ है। आपका फोन साइलेंट किलर बन आपकी हेल्थ को बिगाडऩे का काम कर रहा है।
मोबाइल फोन से हानिकारक रेडिएशन निकलते हैं, जो आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे आप सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। मोबाइल फोन रेडिएशन इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही आपके सेल फोन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद पैदा करने वाले हार्मोन के उत्पादन को भी बाधित कर सकती है, जिसे मेलाटोनिन भी कहा जाता है। यह सर्कैडियन रिदम (बॉडी क्लॉक) को बाधित करता है, जिससे सोने में कठिनाई होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने फोन से निकलने वाले आरएफ रेडिएशन को ग्लियोमा, एक प्रकार के मस्तिष्क कैंसर के बढ़ते जोखिम के आधार पर मनुष्यों के लिए कार्सिनोजेनिक’ के रूप में वर्गीकृत किया है। जैसे ही आप फोन को दूर ले जाते हैं, रेडियो फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक फील्ड की ताकत जो फोन से जुड़ी होती है, बहुत कम हो जाती है। कोई विशिष्ट दूरी का पैमाना नहीं दिया गया है, लेकिन सलाह दी जाती है कि इसे कम से कम तीन फीट की पर रखकर इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
जब आप सोने वाले हों तो फोन बंद कर दें या इसे ‘साइलेंट’ पर रख दें। यदि आपको कॉल के लिए उपलब्ध होना आवश्यक है, तो अपने मोबाइल फोन को अपने बिस्तर से दूर रखें। अलार्म के लिए घड़ी का उपयोग करें। ऐसे लोग हैं जिन्हें सोने से ठीक पहले ई-बुक पढऩे की आदत होती है। वह एक वास्तविक पुस्तक पढ़ें।