श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले। आस्था के सैलाब में डूबे श्रद्धालु

चमोली–करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र भगवान श्री बद्रीनाथ के कपाट आज गुरुवार को सुबह 7:10 पर विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। बड़ी संख्या में भारी ठंड और बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर परिसर को कई टन फूलों से सजाया गया ।हेलीकाप्टर से धाम में पुष्प वर्षा की गई। कपाट खुलने के अवसर पर हजारों श्रद्धालू भगवान बद्री विशाल और अखंड ज्योति के दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण करने धाम पहुंचे है।
बदरीनाथ धाम में रात्रि से ही दर्शनों के लिए श्रद्धालु आतुर होकर आस्था पर पर जमें थे। तड़के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई तो पहले दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर ने बामणी गांव के हक-हकूकधारियों के साथ बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश किया। उसके बाद वीआइपी गेट से बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठियों ने उद्धव जी की उत्सव मूर्ति के साथ मंदिर के अंदर प्रवेश किया। उद्धव और कुबेर की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित करने से पहले रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री वेश धारण कर मां लक्ष्मी को गर्भगृह से बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में विराजित किया गया। मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के निर्देशन में द्वार पूजन का कार्यक्रम हुआ। पूजा अर्चना के बाद गाड़ू घड़े को मंदिर के अंदर ले जाया गया। ठीक सुबह सात बजकर 10 मिनट पर जयकारों के बीच बद्री विशाल के कपाट खोले गए। हेलीकॉप्टर से पुष्प बरसाए गए हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान बद्री विशाल और अखंड ज्योति के दर्शन किए। धाम खुलने से पहले ही कल रात से हजारों श्रद्धालु यहां बेसब्री से भगवान श्री बद्री विशाल के दर्शन करने के लिए इंतजार कर रहे थे। सुबह कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई तो पहले दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर ने बामणी गांव के हक हुकूक धारियों के साथ मंदिर में प्रवेश किया। उसके बाद वीआईपी गेट से श्री बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री भेज तारण कर मां लक्ष्मी को गर्भ ग्रह बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में विराजित किया । मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के निर्देशन में द्वार पूजन का कार्यक्रम हुआ पूजा अर्चना के बाद गाड़ू घड़ी को मंदिर के अंदर लाया गया। इस अवसर पर आइटीबीपी और भारतीय स्काउट गाइड ने भी धुन प्रस्तुत की।