लोक गायिका रेशमा शाह को बिस्मिल्लाह खां पुरस्कार मिलने पर मसूरी में मातृशक्ति ने किया उनका भव्य स्वागत।

मसूरी _उत्तराखंड की जानी-मानी लोक गायिका रेशमा शाह को भारत सरकार द्वारा बिस्मिल्लाह खां पुरस्कार मिलने पर आज मसूरी में मातृशक्ति द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।

कुलड़ी स्थित एक होटल के सभागार में भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा पडियार एवं अनीता पुंडीर ने उन्हें शॉल एवं गुलदस्ता भेंट किया। साथ ही मातृशक्ति ने पुष्पमाला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर लोक गायिका रेशमा शाह ने कहा कि यह सम्मान पूरे उत्तराखंड, उत्तराखंड की बेटियों ,उत्तराखंड के कलाकारों , यहां की देव तुल्य श्रोताओं का है ।उत्तराखंड की पहली लोक गायिका हैं रेशमा शाह जिन्हें बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार मिला । उत्तराखंड की लोक संस्कृति को एक अलग पहचान दिलाने में रेशमा का अहम योगदान है। उन्होंने कठिन संघर्ष करके यह पुरस्कार हासिल किया। पहाड़ के एक छोटे से गांव से निकलकर देश -विदेश में उत्तराखंड की लोक संस्कृति को पहुंचा‌ रही है । बचपन में मां के निधन के बाद कम उम्र में उनकी शादी हो गई थी। परिस्थितियां उनके अनुकूल नहीं थी । बावजूद उन्होंने संघर्ष कर कठिन परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना कर गायकी के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई। और उत्तराखंड का नाम रोशन किया ।यहां की संस्कृति को बचाने के लिए वह संघर्षरत हैं । उत्तराखंड के लिए भी गौरव की बात है। यहां कि प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। इस अवसर पर रेशमा ने कहा कि उत्तराखंड के जनमानस का जो उन्हें स्नेह मिला, उसका वह सदा आभारी रहेंगी । लोक गायकी के क्षेत्र में उन्होंने जो यह सफलता हासिल की उसका श्रेय यहां की जनता यहां के लोक कलाकार यहां की मातृशक्ति को दिया है ।रेशमा ने कहा कि गायकी के क्षेत्र में मुझे अभी बहुत कुछ करना है बस आप लोगों का प्यार और स्नेह मिलता रहे। रेशमा ने कहा कि वह पहाड़ी लोक संस्कृति की रीड मांगल गीत, खुदेड़ गीत, देवी- देवताओं के गीत पर कार्य करेंगे। ताकि आने‌ वाली पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति शेर रूबरू कराने का मकसद है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा पडियार ने रेशमा शाह को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने जो संघर्ष किया है ,उसका फल उन्हें मिला। यह मसूरी वासियों और देवभूमि के लिए गौरव की बात है कि यहां की बेटी को इतना बड़ा पुरस्कार मिला है। इस अवसर पर जाने-माने संस्कृति कर्मी और फिल्मकार प्रदीप भंडारी ,छावनी परिषद की पूर्व सभासद चंद्रकला सयाना, पुष्पा पुंडीर, कमलेश भंडारी ,सीता पंवार, रीता खुल्लर ,राजेश्वरी भट्ट, विनीता ,यमुना लेखवार, मंजू चौहान ,विजय बिंदवाल आदि मौजूद थे कार्यक्रम का संचालन अनीता पुंडीर ने किया।